सारे संकेत इस बात के थे कि पाकिस्तान दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की आतंकवाद पर होने वाली बैठक से पीछे हटने का मन बना चुका है। इसीलिए पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने प्रेस वार्ता का इस्तेमाल बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए कम बल्कि भारत पर दोषारोपण के लिए ज्यादा किया। कोशिश यह साबित करने की थी कि यह भारत है जो बातचीत से पीछे हट रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान ‘सच्चाई से दूर’ है कि पाकिस्तान उफा एजंडे को तोड़ने मरोड़ने की कोशिश कर रहा है और वार्ता के लिए नई शर्तें थोप रहा है।
उन्होंने इस्लामाबाद में विदेश विभाग में हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय विदेश विभाग का यह आरोप कि पाकिस्तान ने नई शर्तें थोपी हैं, भारतीय उच्चायोग को सौंपे गए पत्र के उस अंतिम वाक्य को पूरी तरह नजरअंदाज करना है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान बिना किसी शर्त के एनएसए स्तरीय वार्ता के लिए तैयार है। सच्चाई यह है कि भारत नई शर्तें थोप रहा है कि पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से नहीं मिल सकता।
अजीज ने कहा कि वार्ता की मेज पर पाकिस्तान, भारत के साथ सभी मुद्दों का समाधान करने की इच्छा रखता है, लेकिन मुख्य मुद्दे कश्मीर पर चर्चा किए बिना भारत के साथ कोई गंभीर वार्ता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने तीन बिंदुओं वाला एजंडा तैयार किया है जिसमें आतंकवाद, उफा में किए गए निर्णयों पर प्रगति और कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा शामिल है।
पाकिस्तानी एनएसए ने कहा, ‘क्या यह समझ में आने वाली बात है कि भारत हुर्रियत नेताओं से मिलने जैसे सारहीन आधार पर पहली मंत्री स्तरीय बैठक को रद्द कर देगा।’ एक उकसाने वाली टिप्पणी में अजीज ने कहा कि वे पाकिस्तान में भारत की खुफिया एजेंसी रॉ की गतिविधियों के बारे में तीन डॉजियर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अगर यह डॉजियर मुझे नई दिल्ली में भारत के एनएसए को सौंपने का मौका नहीं मिला तो मुझे उम्मीद है कि मैं इसे अगले महीने न्यूयार्क में उन्हें दूंगा, अगर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वहां संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने आते हैं। उनसे सवाल किया गया था कि भारतीय मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि डोभाल अजीज को दाऊद इब्राहीम के बारे में डॉजियर देंगे, जिसमें कहा गया है कि वह पाकिस्तान में रह रहा है।
अजीज ने कहा कि भारतीय मीडिया इस मुद्दे को उछाल रहा है कि पाकिस्तान एनएसए स्तरीय वार्ता के दौरान डोभाल की ओर से दिए जाने वाले डॉजियर से आशंकित है और इसलिए वह वार्ता से हटने के बहाने ढूंढ रहा है। उन्होंने कहा कि इस डॉजियर को मिस्टर डोभाल को सौंपने के बाद, मैं उन्हें संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से भी साझा कर सकता हूं।
पाकिस्तान में भारत के कथित हस्तक्षेप संबंधी डॉजियर के तथ्यों को साझा करने से उन्होंने इनकार कर दिया लेकिन उसे मीडिया को दिखाया। उन्होंने बातचीत के लिए दिल्ली नहीं आने का स्पष्ट संकेत देते हुए इस संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे इस बात से निराश हैं कि भारत ने पहली एनएसए वार्ता को वस्तुत: रद्द कर दिया है और ऐसा दूसरी बार होगा कि भारत वार्ता से पीछे हटा है।
भारत पर उफा शिखर बैठक के हटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि सबसे महत्त्वपूर्ण मुद्दा क्या है… यह कश्मीर है। कश्मीर मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालकर मोदी सरकार पाकिस्तान से अपनी शर्तों पर बातचीत करना चाहती है। पाकिस्तान को यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत मीडिया के जरिए कूटनीति चला रहा है और ऐसा दर्शाना चाह रहा है कि पाकिस्तान की सेना वार्ता की समर्थक नहीं है। ऐसी किसी भी बात का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश एक जैसा सोचता है। उन्होंने कहा कि भारत उफा में दिए गए संयुक्त बयान का अपना अर्थ निकाल रहा है। दोनों देश उफा समझौते के तहत विभिन्न मुद्दों पर वार्ता के लिए बाध्य हैं।