मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद का करीबी रिश्तेदार और भारत समेत दुनिया भर के देशों में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का उप प्रमुख हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की शुक्रवार को पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। लश्कर-ए-तैयबा के अनुसार अब्दुल रहमान मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और लाहौर के एक निजी अस्पताल में डायबिटीज बढ़ने के बाद उसका इलाज चल रहा था।

प्रोफेसर होकर भी बन गया आतंकी सरगना

एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मक्की को गुरुवार सुबह दिल का दौरा पड़ा और जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि मक्की की कुछ देर बाद ही मौत हो गई। मक्की पेशे से प्रोफेसर था लेकिन बाद में वो हाफिज सईद के साथ आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। आगे चलकर वो हाफिज और तैयबा का मुख्य साजिशकर्ता बन गया।

पाकिस्तान की कोर्ट ने सुनाई थी सजा

जमात प्रमुख हाफिज सईद का जीजा मक्की को पाकिस्तान में आतंकी घोषित किया गया था। साल 2020 में मक्की को पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी अदालत ने वित्तपोषण आतंकी बताते हुए छह महीने की कैद की सजा सुनाई थी। जमात का उपप्रमुख मक्की आतंक के वित्तपोषण में सजा सुनाये जाने के बाद से आतंकी गतिविधियों में काफी कम सक्रिय था। वहीं पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग ने एक बयान में कहा कि मक्की पाकिस्तान विचारधारा का समर्थक था।

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2023 में मक्की को संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में घोषित किया गया था, जिसके बाद से ही मक्की की संपत्ति जब्त, यात्रा प्रतिबंध और उसके हथियारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

कसाब ने बताई थी हमले के पीछे की कहानी

साल 2008 में आतंकी हाफिज सईद ने मुंबई में आतंकी हमला करवाया था। जिसे हम सभी 26/11 हमले के नाम से भी जानते हैं। दरअसल यह हमला 26 नवंबर 2008 को ये हमला हुआ था। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने पूरे मुंबई में 4 दिन तक फायरिंग और गोलीबारी की। इस हमले में कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में एक मात्र आतंकी अजमल कसाब को मुंबई पुलिस ने पकड़ा था। कसाब ने ही इस बात की पुष्टि की थी कि इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा और हाफिज सईद था।