पाकिस्तान की एक अदालत ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले में फैसला सुनाते हुए चार पुलिसकर्मियों को मौत की सजा सुनाई है। ये सभी पुलिसकर्मी छह साल पहले दो किशोर छात्रों की हत्या में शामिल थे। मंगलवार को अदालत के अधिकारियों ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों पर आरोप था कि उन्होंने एक फर्जी मुठभेड़ के दौरान 19 वर्षीय अरसलान और उस्मान की हत्या कर थी। यह दुखद घटना 2018 में लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद पंजाब में हुई थी।

वर्षों से न्याय की खोज में संघर्ष कर रहे लोगों को मिली राहत

इस फैसले ने न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की कोशिश की है, बल्कि यह पाकिस्तान में पुलिस के कार्यों और मुठभेड़ों पर उठते सवालों का भी एक बड़ा उदाहरण है। अदालत का यह निर्णय उन परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जिन्होंने वर्षों से न्याय की खोज में संघर्ष किया है।

सोमवार को फैसलाबाद की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश साजिदा अख्तर ने चारों पुलिसकर्मियों – असगर अली, फलक शेर, फैसल, और वकास – को दोहरी मौत की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह जुर्माना पीड़ितों के परिवारों को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।

अदालत ने पाया कि पुलिसकर्मियों ने निर्दोष छात्रों को उस समय गोली मारी, जब उन्होंने एक पुलिस चौकी पर रुकने से इनकार कर दिया था। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि दोषियों ने अपने इस घृणित अपराध को छिपाने की कोशिश की, इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार की दया के योग्य नहीं माना गया। हालांकि अदालत ने सहायक उप-निरीक्षक जावेद अख्तर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

अभियोजन पक्ष के अनुसार दोनों छात्र एक रेस्टोरेंट से खाना खाकर घर लौट रहे थे। पुलिस ने मिल्लत टाउन के एक अंधेरे इलाके में एक चौकी बनाई थी। जब छात्रों ने रुकने से मना किया तो पुलिस ने उन पर गोली चला दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने इस मुठभेड़ को एक डकैती के मामले के रूप में पेश करने की कोशिश की और छात्रों पर झूठा आपराधिक रिकॉर्ड भी तैयार कर दिया।

पीड़ितों के परिवारों ने वर्षों तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी और सोमवार को अदालत के फैसले पर संतोष जताया। पाकिस्तान में विशेष रूप से पंजाब में पुलिस मुठभेड़ों को लेकर लंबे समय से संदेह बना हुआ है। कई मामलों में पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि वे हिरासत में लिए गए अपराधियों को फर्जी मुठभेड़ों में मार देते हैं।