पाकिस्तान ने आज भारत पर पठानकोट आतंकी हमले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का ‘गैरमददगार’ खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना की जांच को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग एवं समझ की जरूरत है।

 पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान का मानना है कि सभी देशों को आतंकवाद को पराजित करने के लिए एक दूसरे से सहयोग की जरूरत है। पाकिस्तान (पठानकोट) घटना की निंदा करता है। प्रधानमंत्री ने सहयोग का आश्वासन दिया है।’ हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाने से जुड़े भारतीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान पर उन्होंने कहा कि भारत की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का खेल ‘गैरमदददार’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है।

पर्रिकर ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि पंजाब के पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमला पाकिस्तान की सरकार से इतर तत्वों ने किया था जिनको पाकिस्तान की शासन व्यवस्था का सहयोग है। जकारिया ने कहा कि पठानकोट हमले के संदर्भ में भारत की ओर से प्रदान की गई शुरूआती सूचना के आधार पर सभी कदम उठाए।

उन्होंने कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया है और इसके भारत दौरे को लेकर तौर-तरीकों पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी तरह के आतंकवाद को खारिज करता है और उसका मानना है कि इस समस्या को पराजित करने के लिए सभी देशों को एक दूसरे से सहयोग करने की जरूरत है।

एक सवाल के जवाब में जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान और भारत विदेश सचिव स्तर की वार्ता के लिए तारीखें तय करने को लेकर काम कर रहे हैं। जब यह पूछा गसा कि जलालाबाद में कल भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले को लेकर पाकिस्तान की क्या प्रतिक्रिया है तो जकारिया ने कहा, ‘आतंकवादी हमलों को लेकर हमारा रूख स्पष्ट है। हम सभी तरह के आतंकवाद और इसके स्वरूपों की निंदा करते हैं। बहरहाल, जिस घटना का आप जिक्र कर रहे हैं उसके बारे में मेरे पास विवरण नहीं है।’

साल 2008 के मुंबई हमले को लेकर चल रही सुनावाई पर उन्होंने कहा, ‘विदेश सचिव ने भारतीय विदेश सचिव को जरूरी सबूत के संदर्भ में पत्र लिखा है। ये वो उन्हीं सबूत का हिस्सा है जिस बारे में पाकिस्तान ने पहले भी कहा था।’ एक अन्य सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान का परमाणु हथियारों का भंडार केवल उसके भूभाग पर किसी भी हमले को विफल करने के लिये है।