पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था की एक तस्वीर पेश की है। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि मित्र देशों ने भी पाकिस्तान को एक ऐसे देश के रूप में देखना शुरू कर दिया है, जो हमेशा भीख मांगता था। डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि आज जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या फोन करते हैं, तो वे सोचते हैं कि हम उनके पास पैसे मांगने आए हैं।
शहबाज शरीफ ने कहा कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है और हम पिछले 75 साल से भीख का कटोरा लेकर भटक रहे हैं। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि बाढ़ से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना कर रही थी, और बाढ़ ने इसे और अधिक कठिन बना दिया है।
बता दें कि पाकिस्तान में आई भयानक बाढ़ से करीब 1400 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं करीब 3 करोड़ 30 लाख से अधिक लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान में आई यह बाढ़ पिछले 30 सालों से सबसे भयानक बाढ़ में से एक है। पाकिस्तान में हर सात में से एक व्यक्ति बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है और पाकिस्तान को करीब 12 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान इस बाढ़ के कारण हुआ है।
पिछले महीने अगस्त में शहबाज शरीफ ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट हाल ही में दशकों की राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ संरचनात्मक समस्याओं के कारण उपजा है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की स्थापना के बाद से पहले कुछ दशकों में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली वृद्धि देखी गई थी।
पाकिस्तान के समा टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय की एजेंसियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के कारण पाकिस्तान की खाद्य आपूर्ति को करीब 70 प्रतिशत नष्ट हो गई है। देश की आबादी को अकाल से बचाने के लिए खाद्य सामानों का जल्द ही आयात करना होगा। कई देश पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आए हैं। पाक की एक तिहाई आबादी बाढ़ से प्रभावित है।