अफ्रीका में रोज कम से कम एक करोड़ 70 लाख महिलाएं व लड़कियां बलात्कार, बीमारी और स्कूल छूटने के जोखिम के साथ पानी भरने जाती हैं। बुधवार को छपे एक शोध में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि अफ्रीका में जल संग्रह करने वाली महिलाओं और बच्चों की संख्या पर किया गया यह पहला शोध है। वर्ल्ड बैंक, यूनिसेफ और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के डाटा का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि उप-सहारा अफ्रीका में करीब 30 लाख बच्चे और 140 लाख महिलाएं पानी भरने जाती हैं।
शोध के मुख्य लेखक जे ग्राहम ने बताया, “इस प्रथा से प्रभावित बालिग महिलाओं की संख्या ने मुझे चौंका दिया था। मुझे पता था कि यह संख्या बड़ी होगी मगर मुझे एहसास नहीं था कि इतनी बड़ी।” ग्राहम द जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के मिल्केन इंस्टीटयूट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर हैं।
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ग्राहम के मुताबिक, रोज होने वाली इस प्रक्रिया से मांस और कंकाल, दोनों को नुकसान पहुंचता है और जल्दी ही ऑर्थराइटिस भी हो सकता है। लोगों को पानी से होने वाली बीमारियां जैसे स्किस्टोमियासिस (ताजे पानी में रहने वाले पैरासाइट कीट से होने वाला संक्रमण) होने की बात सामने आई है।
पानी भरने के लिए बच्चों को स्कूल से निकाल लिया जाता है। कई महिलाएं इस वजह से कमा नहीं सकती क्योंकि पानी भरने में ही समय और ऊर्जा खत्म हो जाती है। चूंकि उन्हें अक्सर पानी की तलाश में दूर-दूर तक जाना पड़ता है, इसलिए महिलाओं और बच्चों से बलात्कार होने का खतरा बढ़ जाता है।
2050 तक, पानी की मांग में और बढ़ोत्तरी होने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, तब तक दुनिया की जनसंख्या एक-तिहाई बढ़कर 9 बिलियन से ज्यादा हो जाएगी।