उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने दो वरिष्ठ अधिकारियों को सरेआम मौत के घाट उतरवा दिया है। दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, अधिकारियों को मारने के लिए एंटी एयरक्राफ्ट गन का इस्तेमाल किया गया। दक्षिण कोरिया के जूंगआंग इल्बो अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एक इनमें से एक की पहचान री यांग-जिन के रूप में हुई है, जो शिक्षा मंत्रालय में अधिकारी था। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह किम के साथ हुई एक बैठक में सो गया था। अखबार लिखता है, ”किम की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोता पाए जाने पर वह उनके गुस्से का शिकार हो गया। उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया और सुरक्षा मंत्रालय ने उससे गहन पूछताछ की। उसके भ्रष्टाचार जैसे अन्य आरोपों की वजह से भी मौत की सजा दी गई।” मौत की सजा पाने वाले दूसरे अधिकारी का नाम ह्वांग मिन है, जो कि कूषि मंत्रालय से था। अखबार के मुताबिक, उसे इसलिए मारा गया ”क्योंकि उसने जिन नीतियों का प्रस्ताव रखा, उन्हें किम जोंग-उन के नेतृत्व को सीधी चुनौती समझा गया।” इन नीतियों की जानकारी नहीं दी गई मगर इस बात की पुष्टि की गई है कि ह्वांग को जून के अंत में उत्तर कोरिया की संसद में हुई बैठक में हटा दिया गया था। दोनों अधिकारियों को फियोंगयांग की मिलिट्री एकेडमी में एंटी-एयरक्राफ्ट गन के जरिए मौत की सजा दी गई।
उत्तर कोरिया में शासन के खिलाफ जाने वालों के खिलाफ पहले भी इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल होता रहा है। अप्रैल, 2015 में फियोंगयांग के बाहर मिलिट्री ट्रेनिंग एरिया में मौत की सजा देने की सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई थीं। दक्षिण कोरिया का अखबार लिखता है कि ऐसी घटनाएं उत्तर कोरिया में ”आतंक के नए साम्राज्य की तरह समझे जा सकते हैं।”