Nepal Air Crash: नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Pokhara Airport) पर काठमांडू से आ रहा 72 सीटों वाला यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण का कहना है कि विमान में 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, 2 कोरियाई, 1 ऑस्ट्रेलियाई, 1 अर्जेंटीना, 1 आयरिश और 1 फ्रांसीसी यात्री सवार थे। हादसे में अब तक 68 लोगों की जान जा चुकी है। फिलहाल एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है।

पीटीआई के मुताबिक, पोखरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन नेपाल के नव-नियुक्त प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने दो सप्ताह पहले किया था। इसे चीन की सहायता से बनाया गया था और यह चीन के प्रमुख बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) सहयोग का हिस्सा था।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, क्रैश-लैंडिंग की डिटेल सामने आने के बाद कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। जैसे कि क्या नेपाल का पोखरा क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा जहां रविवार को 72 लोगों को लेकर जा रहा एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, उसका उद्घाटन 1 जनवरी को बिना काम पूरा किए किया गया था? क्या चीन की CAMC इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) सहयोग के हिस्से के रूप में निर्माण पर्याप्त नहीं था?

नेपाल के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने CNN-News18 को बताया कि पिछले साल अप्रैल में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पोखरा क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की चाबी तत्कालीन नेपाल के प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा को बालुवाटार में आयोजित एक शिष्टाचार मुलाकात के दौरान सौंपी थी। पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने एक जनवरी को इसका उद्घाटन किया था। हैंडओवर के बाद एयरपोर्ट में यह पहला हादसा है। तकनीकी टीम को इस्तेमाल की गई सामग्री का अध्ययन करना होगा।

बता दें, हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए प्रचंड ने कहा था कि हवाई संपर्क नेपाल जैसे भूमि से घिरे देश के लिए संपर्क का सबसे प्रभावी साधन है। उन्होंने कहा था कि इस हवाईअड्डे के खुलने से पोखरा का अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के साथ संबंध स्थापित हो गया है। काठमांडू पोस्ट अखबार के मुताबिक, नेपाल सरकार ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए मार्च 2016 में चीन के साथ 215.96 मिलियन डॉलर के सॉफ्ट लोन समझौते पर हस्ताक्षर किए।

नेपाल के वायु उद्योग में हाल के वर्षों में उछाल आया है, जो दुर्गम क्षेत्रों के साथ-साथ विदेशी ट्रेकर्स और पर्वतारोहियों के बीच सामान और लोगों को ले जाता है, लेकिन अपर्याप्त प्रशिक्षण और रखरखाव के कारण यह असुरक्षा से जूझ रहा है।

विमान संचालकों ने कहा है कि नेपाल में सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए बुनियादी ढांचे की कमी है, विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों वाले दूरदराज के क्षेत्रों में जहां अतीत में घातक दुर्घटनाएं हुई हैं। पहाड़ों में भी मौसम तेजी से बदल सकता है, जिससे खतरनात स्थिति पैदा हो सकती है।