नेपाल (Nepal) में एक विमान के क्रैश होने से 68 लोगों की जान चली गई। यह घटना नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Pokhara International Airport) पर लैंडिंग से पहले हुई। दरअसल 72 सीट वाला एक यात्री विमान पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड होने ही वाला था, तभी वह क्रैश हो गया। इस हादसे में 5 भारतीयों की भी मौत हुई है।
पायलट ने दिखाई सूझबूझ
वहीं इस घटना के चश्मदीदों ने विमान उड़ाने वाले पायलट की तारीफ की। एक चश्मदीद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पायलट ने काफी सूझबूझ दिखाई नहीं तो आसपास के घरों को काफी नुकसान होता है। लेकिन पायलट ने विमान दुर्घटना से पहले उसे घरों से दूर कर दिया था, जिसकी वजह से दुर्घटना स्थल के आसपास के घरों को नुकसान नहीं हुआ।
वहीं एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जब विमान को उतरते हुए उसने देखा तो उसे बाहर से कोई नुकसान नहीं हुआ था, कोई विस्फोट नहीं हुआ, आग नहीं लगी। हालांकि महिला ने बताया कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से आस पड़ोस में अफरा-तफरी मच गई।
को-पायलट अंजू खतिवडा का प्रमोशन होने वाला था
नेपाल में हुए विमान हादसे में पायलटों की भी मृत्यु हो गई। इस विमान की को-पायलट अंजू खतिवडा थी और बतौर को पायलट उनकी यह आखिरी उड़ान थी। इसके बाद वह कैप्टन बनने वाली थीं। दरअसल पायलट बनने के लिए कम से कम 100 घंटों का फ्लाइंग अनुभव चाहिए और इस उड़ान के पूरे होने के बाद अंजू का 100 घंटों का फ्लाइंग अनुभव हो जाता। (यह भी पढ़ें: विमान में 5 भारतीय भी सवार थे और उनकी मौत हो गई।)
लेकिन इस विमान हादसे के बाद उनकी मृत्यु हो गई और उनका कैप्टन बनने का सपना भी अधूरा ही रह गया। अंजू को प्रशिक्षण कैप्टन कमल केसी दे रहे थे और ऐसा बताया जाता है कि उन्होंने पोखरा के लिए उड़ान भरते समय अंजू को मुख्य पायलट की सीट पर भी बैठाया था। लैंड होने के बाद अंजू को मुख्य पायलट का लाइसेंस भी मिल जाता।
बता दें कि को-पायलट अंजू के पति दीपक पोखरेल की भी मौत विमान हादसे में हुई थी। 16 वर्ष पहले उनके पति की मौत भी को-पायलट के रूप में ही हुई थी। 21 जून 2006 को यति एयरलाइंस के विमान की दुर्घटना हुई थी और उसके को-पायलट दीपक थे।