Nepal Gen-Z Protest: नेपाल सरकार ने युवाओं के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश सोमवार को वापस ले लिया। बैन के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में कम से कम 19 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा घायल हुए हैं। नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने घोषणा की कि सरकार ने कैबिनेट की एक आपात बैठक के बाद सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का अपना फैसला वापस ले लिया है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने विरोध प्रदर्शनों पर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “मैं आज Gen Z पीढ़ी की तरफ से हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई दुखद घटना से बहुत दुखी हूं। हमें विश्वास था कि हमारे बच्चे शांतिपूर्वक अपनी मांगों को उठाएंगे, लेकिन विभिन्न स्वार्थों द्वारा विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ के कारण पैदा हुए हालात की वजह से नागरिकों की जान का दुखद नुकसान हुआ है। सरकार सोशल मीडिया के इस्तेमाल को रोकने के पक्ष में नहीं थी और इसके इस्तेमाल के लिए माहौल सुनिश्चित करेगी। इसके लिए प्रदर्शन करते रहने की कोई जरूरत नहीं थी।

जांच समिति का गठन किया जाएगा- नेपाल पीएम

नेपाल के पीएम ओली ने आगे कहा, “स्थिति को जारी नहीं रहने दिया जाएगा। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आज की पूरी घटनाओं और नुकसान, उसकी स्थिति और कारणों की जांच और विश्लेषण के लिए एक जांच समिति का गठन किया जाएगा और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश करने हेतु 15 दिनों के अंदर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।”

नेपाल की संसद में घुसे Gen-Z प्रदर्शनकारी

सरकार ने सोशल मीडिया से हटाया बैन

गुरुंग ने कहा कि सूचना मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को काठमांडू के मध्य में संसद के सामने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने वाले ‘जेन जी’ समूह की मांगों के अनुसार सोशल मीडिया साइटों को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश दिया है। तीन दिन पहले, नेपाल सरकार ने फेसबुक और ‘एक्स’ समेतत 26 सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, क्योंकि वे रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाई थीं। मंत्री ने विरोध कर रहे ‘जेन जी’ से विरोध प्रदर्शन खत्म करने का अनुरोध किया। इस बीच, फेसबुक, ‘एक्स’ और व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइट सोमवार रात से फिर से चालू हो गई हैं।