Bangladesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने संयुक्त राष्ट्र की महासभा को संबोधित करने के लिए अमेरिका दौरे पर होंगे। यहां उनके अन्य कई कार्यक्रम भी होने की चर्चा है। इस बीच बंग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि वे अमेरिका में पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं। दूसरी ओर इस मुद्दे पर अभी भारत की तरफ से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है। ऐसे में यह तय ही नहीं है कि पीएम मोदी से यूनुस की मुलाकात होगी या नहीं। इसे भारत सरकार की लटकाकर रखने वाली कूटनीति के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद मोहम्मद यूनुस और उनकी सरकार में शामिल के कई सलाहकारों ने भारत को लेकर विवादित बयान दिए हैं।
दरअसल, ढाका में अपने आधिकारिक आवास पर पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में मोहम्मद यूनुस ने सार्क देशों के संगठन को मजबूत करने को लेकर पीएम मोदी से मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का गठन एक महान उद्देश्य के साथ किया गया था, लेकिन अब यह केवल कागजों पर है और काम नहीं कर रहा है। बता दें कि क्षेत्रीय समूह में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं।
PM मोदी से मिलने को बेताब हैं यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने इंटरव्यू के दौरान उल्लेख किया कि वह इस महीने के अंत में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश करेंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को फोटो सेशन के लिए एक साथ लाने का प्रयास करेंगे। बांग्लादेश में रोहिंग्या की घुसपैठ के मुद्दे पर बोलते हुए यूनुस ने कहा कि वह म्यांमार को अपनी आबादी वापस लेने के लिए मनाने के लिए भारत से मदद मांगेंगे।
भारत से मांगेंगे रोहिंग्या मुद्दे को लेकर मदद
यूनुस ने यह भी कहा कि ढाका को संकट से निपटने के लिए भारत और चीन दोनों की मदद की जरूरत है। बांग्लादेश में करीब दस लाख लोग आ चुके हैं और अब ये आबादी बढ़ रही है। इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर जबरदस्त दबाव पड़ रहा है। कुछ देश इन्हें ले रहे हैं लेकिन कम संख्या में, चूंकि भारत के म्यांमार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए हमें म्यांमार को उन्हें वापस लेने के लिए मनाने में भारत की मदद की ज़रूरत है।
भारत-बांग्लादेश के बीच भी ठंडे पडे़ रिश्ते?
गौरतलब है कि बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच हुए तख्तापलट और बनी अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं देने के साथ ही पीएम मोदी ने मुल्क में अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग की थी। इसके बावजूद बांग्लादेश में ये घटनाएं रुकी नहीं बल्कि उनमें विस्तार हुआ। वहीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के भारत आने को लेकर भी मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत विरोधी बयानबाजी की।
विदेश मामलों के सलाहकार ने हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर यह तक कहा कि अगर ऐसा होता तो यह भारत के लिए किरकिरी वाली बात हो सकती है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि क्या मोहम्मद यूनुस की पीएम मोदी से मिलने की मांग स्वीकार होती भी है या नहीं।
