Monkeypox: चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुख्य महामारी वैज्ञानिक वू ज़ुनयू ने शनिवार (17 सितंबर) को लोगों को चेतावनी दी कि वे चीन में मंकीपॉक्स संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि के बाद विदेशियों को न छूएं। चीन की माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट वीबो पर उनकी पोस्ट ने एक विवाद छेड़ दिया है। कई लोगों ने इसकी तुलना उस भेदभाव से की है जिसका विदेशों में एशियाई लोगों ने कोविड -19 महामारी की शुरुआत में सामना किया था।

सीएनएन के अनुसार, जुनयू ने पोस्ट में उन पांच सिफारिशों का जिक्र किया है। जिनका पालन जनता वायरस को अनुबंधित करने से रोकने के लिए कर सकती है। उनकी पहली सिफारिश थी। विदेशियों के साथ शरीर से शरीर का संपर्क न करें। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स की निगरानी और रोकथाम को मजबूत करना आवश्यक और महत्वपूर्ण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय यात्रा और निकट संपर्क के माध्यम से वायरस फैलने के जोखिम रोकने पर भी जोर दिया। एक वीबो यूजर ने लिखा, “यह कुछ ऐसा है जब महामारी शुरू हुई थी, तब विदेशों में कुछ लोगों ने चीनी लोगों से परहेज किया था। जिसे वो डर से देखते थे।”

चीन का पहला मंकीपॉक्स केस

चीन में मंकीपॉक्स का पहला मामला चोंगकिंग शहर में विदेश से आए एक शख्स में पाया गया था। अधिकारियों ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि वह शख्स विदेशी है या चीनी नागरिक। नगर स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि चोंगकिंग पहुंचने पर शख्स को क्वारंटीन में रखा गया था। सभी करीबी संपर्कों को अलग कर दिया गया है और अब वो शख्स मेडिकल टीम की देखरेख में है।

कैसे फैलता मंकीपॉक्स वायरस, जानिए

मंकीपॉक्स वायरस तब फैलता है जब कोई व्यक्ति किसी जानवर, इंसान या वायरस से दूषित सामग्री के वायरस के संपर्क में आता है। यूएस बेस्ड सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, वायरस टूटी हुई त्वचा (भले ही दिखाई न दे), श्वसन या श्लेष्मा झिल्ली (आंख, नाक या मुंह) के जरिए से शरीर में प्रवेश करता है।

करीब 90 देशों में मंकीपॉक्स का मामला

बता दें कि मई में दुनिया भर में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने लगे। अब लगभग 90 देशों में मामलों की रिपोर्ट के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। 60,000 से अधिक मामले सामने आए हैं जिनकी पुष्टि हो चुकी है। कुछ देशों ने अपने यहां मंकीपॉक्स से पहली मौत की सूचना दी है।