मालदीव के अभियोजक जनरल हुसैन शमीम पर बुधवार को दिनदहाड़े चाकू और हथौड़े हमला हुआ। खुलेआम सड़क पर उन्हें चाकू मारा गया। हमले को जिस तरह से अंजाम दिया गया ऐसा माना जा रहा है कि यह प्लानिंग के तहत किया गया है। राज्य में उच्च संवैधानिक पद पर बैठे शख्स पर इस तरह का हमला पूरी व्यवस्था पर हमला है। यह बेहद खतरनाक स्थिति है। फिलहाल मालदीव पुलिस घटना की जांच कर रही है।

दरअसल, शमीम को मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था। एमडीपी ने हाल ही में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की है। अभियोजक के कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार, हमला आज सुबह हुआ। जिसके बाद शमीम को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनका इलाज किया जा रहा है।

मामले में मालदीव पुलिस ने कहा, “अभियोजक हुसैन शमीम पर सड़क पर हमला किया गया है। एडीके में उनका इलाज किया जा रहा है। हमला किसी धारदार हथियार से नहीं किया गया था।” यह हमला तब हुआ है जब मालदीव में तवानपूर्ण माहौल है।

संसद में तनाव

दरअसल, हाल ही में मालदीव की संसद में वोटिंग के दौरान गड़बड़ी देखी गई थी। संसद में जब विपक्ष के सदस्यों ने सत्र को बाधित किया तो संसदीय कार्यवाही के दौरान तनाव बढ़ गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एमडीपी सांसद ईसा और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) सांसद अब्दुल्ला शाहीम अब्दुल हकीम को झड़प करते हुए देखा जा सकता है। विपक्षी दल ने राष्ट्रपति मुइज्जू पर चीन का समर्थन करने का आरोप लगाया। इसके बाद संसद में विवाद शुरू हो गया।

मालदीव के विपक्षी दलों ने सरकार का किया विरोध

मालदीव के विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से मालदीव सरकार पर कथित भारत विरोधी टिप्पणियों का विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि विदेश नीति में किया गया बदलाव मालदीव के विकास में बाधा उत्पन्न करने वाला है।

मालदीव जम्हूरी पार्टी (जेपी) के नेता कासिम इब्राहिम ने राष्ट्रपति मुइज्जू से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, किसी भी देश के संबंध में खासकर पड़ोसी देश के बारे में हमें इस तरह से बात नहीं करनी चाहिए जो हमारे बीच के रिश्ते को प्रभावित करती है। हमारे राज्य के प्रति हमारा दायित्व है, इस पर विचार किया जाना चाहिए।