UK PM no-confidence vote: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को एक के बाद एक करके कई घोटालों की सीरीज के बाद अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। इसमें लॉकडाउन के दौरान उनके सरकारी आवास पर की गई पार्टियां भी शामिल हैं। जॉनसन ने एक लीडर के तौर पर इस बात की शपथ ली है कि वो इस अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे और जीतेंगे। लेकिन अगर जॉनसन ये विश्वास प्रस्ताव हार जाते हैं तो फिर उनको अपनी पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी और उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के लिए एक नई दौड़ शुरू हो जाएगी।
आइए हम आपको ब्रिटेन के कुछ ऐसे नेताओं के नाम बताते हैं जो अगर बोरिस जॉनसन के अविश्वास प्रस्ताव में हार जाते हैं तो उनकी जगह प्रधानमंत्री पद की रेस में आगे चल रहे हैं।
लिज ट्रस
अगर बोरिस जॉनसन के अविश्वास प्रस्ताव में हार जाते हैं तो उनकी जगह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे होंगे लिज ट्रस। ट्रस फिलहाल विदेश सचिव कंजर्वेटिव्स के सबसे प्रिय नेता हैं जो जमीनी स्तर पर जनता की पसंद हैं और पार्टी सदस्यों की नजरों में भी शीर्ष पर हैं। 46 वर्षीय ट्रस ने जॉनसन की प्रीमियरशिप के पहले दो साल इंटरनेशनल व्यापार सचिव के रूप में काम किया, ब्रेक्जिट को चैंपियन बनाया और पिछले साल यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के प्रमुख वार्ताकार के रूप में नियुक्त किए गए थे। ट्रस ने सोमवार को बताया कि जॉनसन के पास उनका 100 फीसदी समर्थन है और उन्होंने अपने सहयोगियों से उनका समर्थन करने का आग्रह किया है।
जेरेमी हंट
वहीं दूसरे नंबर पर अगर बात की जाए तो 55 वर्षीय जेरेमी हंट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की रेस में बनी हुई हैं। साल 2019 में जेरेमी हंट ने पूर्व विदेश सचिव के तौर पर जॉनसन के साथ दूसरे कार्यकाल को पूरा किया था। बीते दो वर्षों में हंट ने पूर्व स्वास्थ्य सचिव के रूप में अपने अनुभव का उपयोग स्वास्थ्य चयन समिति की अध्यक्षता करने के लिए किया है और मौजूदा सरकार में उनकी कार्यशैली पर कोई दाग नहीं है। इस साल की शुरुआत में उन्होंने ये बयान भी दिया था कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।
ऋषि सुनक
भारतीय मूल के ऋषि सुनक भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल हैं। वित्त मंत्री ऋषि सुनक पिछले साल तक जॉनसन के पसंदीदा उत्तराधिकारियों में से एक थे। सुनक ने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था के लिए एक रेस्क्यू पैकेज दिया था जिसके लिए सुनक की काफी तारीफ की गई थी। इस रेस्क्यू पैकेज में एक नौकरी का कार्यक्रम भी शामिल था, जिसने ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी को रोका, इसकी लागत 410 बिलियन पाउंड (514 बिलियन डॉलर) थी। सुनक ने सोमवार को बताया कि उन्होंने जॉनसन के नेतृत्व का समर्थन किया।
नदीम जाहवी
ब्रिटेन पीएम पद की रेस में एक नाम नदीम जाहवी का भी है। कोविड-19 टीकाकरण के दौरान जब ब्रिटेन टीकाकरण के मामले में सबसे आगे चल रहा था तब मौजूदा शिक्षा सचिव नदीम जाहवी ने वैक्सीनेशन मिनिस्टर के तौर पर काम किया था। उनके काम को देखकर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी प्रभावित हुए थे। जाहवी ईराक से एक शर्णार्थी के रूप में ब्रिटेन पहु्ंचे थे और अपनी मेहनत के दम पर इस मुकाम तक पहुंचे हैं उनकी यही खूबी उन्हें बाकी दावेदारों से अलग करती है।
पैनी मॉर्डेंट
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद की रेस में एक और नाम था जिसे हम भूल रहे थे। इनका नाम है पैनी मॉर्डेंट यूरोपीय संघ छोड़ने के एक भावुक समर्थक थे इसके बाद उन्होंने निष्क्रिय रियलिटी टीवी डाइविंग शो में भाग लेकर राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं। वो मौजूदा सरकार में जूनियर ट्रेड मिनिस्टर हैं। मॉर्डेंट ने लॉकडाउन तोड़ने वाली पार्टियों को आइना दिखाते हुए उन्हें शर्मनाक बताया था। पिछले महीने उन्होंने बयान दिया था कि देश के मतदाता सरकार से प्रोफेशनालिज्म और कॉम्पिटेंस देखना चाहते हैं।