मध्य पूर्व के मुस्लिम देशों की ओर से भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की कड़ी आलोचना की गई है। कुवैत, कतर और सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय की ओर से अधिकारिक रूप बयान जारी कर इसकी आलोचना की गई है जबकि कतर और ईरान जैसे देशों ने भारतीय राजदूतों को बुलाकर अपना विरोध जताया है।
दूसरी ओर भाजपा की ओर से दोनों नेताओं पर कारवाई करते हुए नूपुर शर्मा को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित और नवीन जिंदल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। आइए जानते हैं कि इन देशों में अल्पसंख्यकों को क्या अधिकार दिए जाते हैं।
कुवैत संविधान के मुताबिक एक इस्लामिक देश है। स्वतंत्रता यहां के संविधान की मूल भावना है। संविधान का मुख्य रूप से शरिया से ही लिया गया है। यहां पर इस्लाम के खिलाफ बोलना अपराध माना जाता है, लेकिन शिया- सुन्नी में भी भेदभाव देखने को मिलता है। सुन्नी इमाम का सरकार की ओर से खास ख्याल रखा जाता है नमाज के लिए इन्हें सैलरी और अन्य दी जाती है जबकि शिया इमामों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होता है। रमजान के दिनों में सावर्जनिक जगहों पर गैर मुस्लिम बच्चों तक को खाने की इजाजत नहीं होती है।
कतर एक इस्लामिक देश है जो शरिया कानून के जरिए चलाया जाता है। सुन्नी, शिया और आठ क्रिस्चियन धार्मिक समूहों को ही कानून से मान्यता मिली हुई है बाकी सभी अन्य धर्म इस देश में गैर- कानूनी है। उन्हें अपने धर्म का पालन करने के लिए प्रशासन से आज्ञा लेनी पड़ती है और वे केवल निजी स्थान पर ही पूजा कर सकते हैं। कतर पर कई बार धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रताड़ना करने का आरोप भी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से लगाए जाते रहे हैं। यहां भारत और नेपाल से आए हिन्दू कुल आबादी का 15 फीसदी है। कुवैत की तरह ही कतर में भी रमजान के दिनों में सावर्जनिक जगहों पर गैर मुस्लिम बच्चों तक को खाने की इजाजत नहीं होती है।
सऊदी अरब में शरिया कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। यहां पर अल्पसंख्यक शिया का प्रताड़ित करना आम बात है। दुनिया में धार्मिक स्वतंत्रता पर निगाह रखने वाली संस्था USCIRF ने सऊदी अरब को कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न में डाला हुआ है।
ईरान पर भी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाएं जाते रहे हैं। यूएससीआईआरएफ ने कई बार अपनी रिपोर्ट में ईरान में अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता जाहिर की है। यूएससीआईआरएफ ने ईरान को भी कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न में डाला हुआ है।