रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तर कोरिया ने एक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण दक्षिण कोरिया में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के कुछ दिन पहले किया गया है। परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता ठप होने के बाद उत्तर कोरिया ने जनवरी में रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल का परीक्षण किया था। फरवरी में मिसाइल परीक्षण पर उत्तर कोरिया ने विराम लगा दिया था। लेकिन 27 फरवरी से उत्तर कोरिया ने फिर से परीक्षण शुरू कर दिया।

न्यूज़ एजेंसी Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिन पहले ही कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्व में समुद्र की ओर उत्तर कोरिया ने एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल दागते हुए वर्ष का अपना नौवां हथियार परीक्षण किया। दुनिया के कई देशों ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए मिसाइल परीक्षण की निंदा की। दुनिया के अन्य देश भी इस बात से डर रहे हैं कि आने वाले कुछ महीनों में उत्तर कोरिया एक बड़ा हथियार परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है।

जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर बयान देते हुए कहा कि, “जिस गति से उत्तर कोरिया अपनी मिसाइल-लॉन्चिंग तकनीक विकसित कर रहा है, इसे हमारा देश और आसपास के क्षेत्र नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।”

वहीं उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षण पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) ने बयान जारी कर कहा है कि, “जब दक्षिण कोरिया के नागरिक बुधवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही वोट डाल रहे हैं ,उस समय कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता के खिलाफ उत्तर कोरिया द्वारा की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों की गोलीबारी की हम निंदा करते हैं।” साथ ही दक्षिण कोरिया ने कहा कि अब वह उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल से संबंधित सुविधाओं की और भी अधिक बारीकी से निगरानी करेगा।

अमेरिकी विदेश विभाग ने उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल टेस्ट की निंदा की है। साथ ही अमेरिका ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है जिसके तहत उत्तर कोरिया पर उसके हथियार कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाएं गयें हैं। उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रमों के परीक्षण पर अमेरिका ने चिंता जताते हुए कहा है कि यह उत्तर कोरिया के पड़ोसियों के लिए और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।