यहां एक सख्त सुरक्षा वाले राजनयिक इलाके में एक इतालवी राहत कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई। बांग्लादेश में हत्या की यह ऐसी पहली घटना है, जिसकी जिम्मेदारी दुर्दांत आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। इस हमले के चलते पश्चिमी देशों के कई दूतावासों ने अपने राजनयिकों की गतिविधियों को सीमित कर दिया है।

पुलिस ने बताया कि सोमवार शाम टहलने निकले सिसारे तवेला (50) को ढाका के गुलशन राजनयिक क्षेत्र में करीब से तीन गोलियां मारी गईं। उन्होंने बताया कि तवेला के जमीन पर गिरने के बाद हमलावर मौके से भाग गए। उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

वह हॉलैंड के आईसीसीओ कोऑपरेशन की ‘प्रोफिटेबल ऑपरच्यूनीटिज फॉर फूड सिक्योरिटी’ परियोजना के लिए प्रबंधक के तौर पर काम कर रहे थे। ढाका के पुलिस आयुक्त ओहीदुज्जमान मियां ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हम इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि उनकी हत्या किसने की, लेकिन हमें लगता है कि यह एक सुनियोजित हत्या थी।’’

एसआईटीई इंटेलीजेंस ग्रुप ने बताया कि अरबी में जारी किए गए एक बयान में आईएस ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। सुरक्षा अधिकारियों ने यहां बताया कि यह बांग्लादेश में इस संगठन का पहला हमला हो सकता है। हालांकि, गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने कहा कि अधिकारियों को इस बारे में कोई सुराग नहीं मिला कि आईएस हत्या में शामिल है।

इस बीच हत्या की इस घटना के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने अपने राजनयिकों और नागरिकों को बांग्लादेश में आतंकी हमले की आशंका से आगाह करते हुए चौकन्ना रहने और ऐसे कार्यक्रमों में भाग न लेने को कहा है जहां पश्चिमी नागरिक एकत्र हों।

इस बीच, एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हत्या के सिलसिले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन उन्होंने जांच के लिए एक विशेष इकाई का गठन किया है जिसमें पुलिस की विभिन्न शाखाओं से चुनिंदा लोगों को लिया गया है।

एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि हत्यारे अपने साथ तवेला का बटुआ और मोबाइल फोन नहीं ले गए जिससे संकेत मिलता है कि हत्या सामान्य बदमाशों ने नहीं की है। वहीं, आईएस ने चेतावनी दी है कि धर्मयुद्ध गठबंधन के नागरिक मुस्लिम देशों में सुरक्षित नहीं होंगे।