ईरान ने सोमवार को एक समाचारपत्र को बंद कर दिया जिसने एक विशेषज्ञ की यह टिप्पणी प्रकाशित की थी कि देश में कोरोना वायरस के मामले और मृतक संख्या के आधिकारिक आंकड़े वास्तविक संख्या का मात्र पांच प्रतिशत है।

‘जहाने सनअत’ के प्रधान संपादक मोहम्मद रजा सादी ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ को बताया कि अधिकारियों ने उनका अखबार बंद कर दिया गया, जिसका प्रकाशन 2004 में शुरू हुआ था और मुख्य रूप से व्यापार संबंधी समाचारों पर केंद्रित था।

दैनिक समाचारपत्र ने रविवार को महामारी विशेषज्ञ मोहम्मद रजा महबूबफर के हवाले से कहा था कि ईरान में कोरोना वायरस के मामलों और मौतों की सही संख्या स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताई गई संख्या की 20 गुना हो सकती है। समाचारपत्र ने कहा कि महबूबफर ने सरकार के कोरोना वायरस विरोधी अभियान पर काम किया है।

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उन्होंने यह भी कहा कि वायरस का पता ईरान में 19 फरवरी से एक महीने पहले लग गया था, जब अधिकारियों ने पहले मामले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने 1979 की इस्लामी क्रांति की वर्षगांठ और उस महीने के शुरू में संसदीय चुनावों तक इसकी घोषणा नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन ने राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से गोपनीयता का सहारा लिया।’’ ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 के अभी तक लगभग 3,30,000 मामले सामने आये हैं और 18,616 मरीजों की मौत हुई है।