पिछली गर्मियों में साउथ दिल्ली में रहने वाली आशिमा जैन 4 लोगों के लॉस एेंजिलिस आने-जाने के लिए टिकट की तलाश कर रही थीं। उन्होंने चाइना साउथ एयरलाइंस पर चांस लेने का विचार किया। जैन ने कहा कि इस एयरलाइंस का किराया 58000 प्रति व्यक्ति था, जबकि दूसरी एयरलाइंस 65000 रुपये ले रही थीं। भारत, अॉस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और उत्तरी अमेरिका के बीच कम किराए की पेशकश करके चीनी एयरलाइंस भारतीय पैसेंजर्स को लुभाने में लगी हैं। थॉमस कुक (इंडिया) लिमिटेड के ग्लोबल बिजनेस ट्रैवल के प्रेजिडेंट इंदवीर रस्तोगी कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में चीनी एयरलाइंस की संख्या में इजाफा हुआ है। यह एयरलाइंस कम किराया और बेहतर सर्विस अॉफर करती हैं, जो भारतीय पर्यटकों को पसंद आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट में काम करने वाले उन ट्रैवलर्स के बीच भी ये एयरलाइंस मशहूर हो रही हैं, जिन्हें बिजनेस के काम से चीन आना पड़ता है और यहीं से अमेरिका भी जाना होता है।
सिंगापुर एयरलाइंस, थाई एयरवेज और मलयेशियाई एयरलाइंस की चीनी एयरलाइंस से तुलना करें तो अमेरिका और कनाडा के बीच लंबी दूरी की यात्रा के किराए में 20-25 हजार का फर्क है। रस्तोगी कहते हैं कि चीन और जापान की यात्रा के लिए 15 से 20 हजार का फर्क है। भारतीय मार्केट में चीनी एयरलाइंस की सीमित पहुंच ने पूर्व जाने वाले रूट पर चीनी टेकओवर की संभावना खत्म कर दी है जिससे सिंगापुर, मलयेशियाई, थाई और एयर इंडिया को राहत पहुंची है। फिलहाल सभी चीनी एयरलाइंस दिल्ली से ही अॉपरेट कर रही हैं।
चीन और भारत के द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक एक एयरलाइंस दोनों साइड से प्रति हफ्ते 10000 सीटों पर 42 बार अॉपरेट कर सकती है। चीनी एयरलाइंस इसका पूरा फायदा उठा रही हैं, जबकि भारत 5 फ्लाइट्स में 1,280 सीटों पर ही अॉपरेट कर रहा है, जिन्हें एयर इंडिया शंघाई जाने के लिए हर हफ्ते इस्तेमाल करता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक कोई और भारतीय एयरलाइंस चीन नहीं जाती।
चीन से भारत आने वाली सबसे ज्यादा फ्लाइट्स चाइना साउथ की होती हैं, जो एक दिन में दो बार दिल्ली-ग्वांग्जू के बीच चलती हैं। वहीं आशिमा जैन बताती हैं कि ग्वांग्जू टर्मिनल बहुत गंदा और उसके छोटे टॉयलेट्स हैं। ग्वांग्जू से दिल्ली लौटते हुए उनका स्टाफ सिर्फ भारतीयों से ही बैग के साइज के बारे में पूछताछ करता है। 10 में से 4 नंबर देते हुए वह कहती हैं कि कम किराए के अलावा और कुछ भी लुभावना नहीं है।लेकिन कम किराए में जाने वाले भारतीयों के लिए यह बहुत मायने रखता है।