ईरान और बांग्लादेश के साथ भारत अनवरत विकास के मुद्दे पर पाकिस्तान में होने वाले एक अहम क्षेत्रीय सम्मेलन से हट गया है। अंग्रेजी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने शुरू में सम्मेलन में भारत की भागीदारी की पुष्टि की, लेकिन बाद में भारत के हटने की घोषणा की। एशिया ऐंड पैसिफिक सेंटर फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी की संचालक परिषद का तीन दिन का सत्र सोमवार (19 दिसंबर) से इस्लामाबाद में शुरू हो गया है। अधिकारी ने ट्रिब्यून को बताया, ‘बैठक शुरू होने से कुछ घंटा पहले भारतीय शिष्टमंडल ने यह कहते हुए अपनी यात्रा रद्द कर दी कि उनके प्रमुख भोजन विषाक्तता के शिकार हो गए हैं।’
इससे पहले, भारत ने नवंबर में दक्षेस का बहिष्कार किया था जो इस्लामाबाद में होने वाला था। माना जाता है कि भारत का यह फैसला पाकिस्तान की मेजबानी वाले इस तरह के बहुराष्ट्रीय कार्यक्रमों से दूर रह कर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के उसके प्रयासों का एक हिस्सा है। पाकिस्तान का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय एशिया ऐंड पैसिफिक सेंटर फॉर ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलोजी की 12वीं संचालक परिषद की बैठक की मेजबानी कर रहा है। सूत्रों के अनुसार सेंटर के सभी 14 सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन भारत, बांग्लादेश और ईरान ने बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया। संचालक परिषद की बैठक साल में एक बार होती है।
बैठक में जो देश हिस्सा ले रहे हैं, उनमें चीन, फिजी, इंडोनेशिया, मलेशिया, पाकिस्तान, फिलीपीन, समोआ, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। इस बैठक में 2017 में ली जाने वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी। कुल पांच परियोजनाओं में भारत ने एक परियोजना दी थी जिसका शीर्षक ‘भावी भारत को खिलाओ’ है। यह परियोजना 15 लाख डॉलर के यूएसएआईडी के वित्तपोषण के भारत में एक कृषिगत नवोन्मेष उत्प्रेरक मंच की स्थापना के मार्फत निम्न विकसित देशों में खाद्य सुरक्षा बढ़ाने पर लक्षित है।