चीन ने शनिवार को भारत और पाकिस्तान से शांति-संयम बरतने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पर लौटने की अपील की। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि चीन भारत और पाकिस्तान के बीच जारी स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और तनाव बढ़ने से बेहद चिंतित है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘‘हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने, शांति और संयम बरतने, शांतिपूर्ण तरीकों से राजनीतिक समाधान के रास्ते पर लौटने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने की पुरजोर अपील करते हैं, जिससे तनाव और बढ़ सकता है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘यह भारत और पाकिस्तान दोनों के बुनियादी हितों और एक स्थिर और शांतिपूर्ण क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी यही उम्मीद करता है। चीन इस दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाना जारी रखना चाहता है।’’

अमेरिका के विदेश मंत्री ने की पाकिस्तान के सेना प्रमुख से बात

वहीं, दूसरी अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर से बात कर भविष्य में संघर्ष बढ़ने से रोकने के लिए भारत के साथ वार्ता शुरू करने में अमेरिकी सहायता की पेशकश की है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि रुबियो ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने के तरीके खोजने का फिर से आग्रह किया। बयान में कहा गया कि रुबियो ने भविष्य में संघर्षों से बचने के लिए रचनात्मक वार्ता शुरू करने में अमेरिकी सहायता की पेशकश की।

पढ़ें- भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स

विदेश मंत्री जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री से बात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात करने के बाद कहा कि भारत का दृष्टिकोण हमेशा से ही संतुलित और जिम्मेदाराना रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “आज सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो से बातचीत हुई। भारत का दृष्टिकोण हमेशा से ही संतुलित और जिम्मेदाराना रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा।”

वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को तनाव कम करने और प्रत्यक्ष संवाद को फिर से स्थापित करने के तरीके तलाशने की आवश्यकता है। विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “उन्होंने भविष्य में होने वाले विवादों को टालने के लिए सार्थक चर्चाओं को सुविधाजनक बनाने में अमेरिका की ओर से समर्थन दिए जाने का प्रस्ताव रखा।” पढ़ें- पड़ोसी देश के झूठ बेनकाब

(इनपुट-भाषा)