निचली अदालत के एक फैसले से जेल की सींखचों के पीछे जा पहुंचे इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट का साथ मिला है। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी जमानत या फिर जेल से रिहाई को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। लेकिन उस फैसले के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया तो शुरू हो ही गई है जो बेजोड़ क्रिकेटर रहे राजनेता के लिए संजीवनी बन सकती है। खास बात ये भी है कि हाईकोर्ट से उनको राहत न भी मिली तो कोई बड़ा पंगा नहीं है। पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट इमरान खान को पहले भी सेना के हाथ से बचा चुका है। CJP ना दखल देते तो इमरान के साथ कुछ भी हो सकता था। पाकिस्तान की राजनीति जिस तरह से रही है उसमें इमरान के साथ कुछ भी हो सकता था। सेना हमेशा से वहां सिरमौर रही है।

इमरान खान इस समय पाकिस्तान की अटोक जेल में बंद हैं। अंग्रेजों के जमाने की इस जेल में इमरान को A ग्रेड कैदी की सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं, क्योंकि इस जेल में कैदियों की ये कैटेगरी है ही नहीं। इमरान को सुविधा के तौर पर केवल एक बिस्तर और पंखा मिला हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इमरान खान आज अपने वकील से मिले। वो बोले कि किसी भी तरह से जेल से बाहर निकालो। वो वहां सहज नहीं हैं। वकील का कहना था कि इमरान हताश नहीं हैं। लेकिन उनको लगता है कि सरकार जेल में डालकर उनके तेवरों को कमजोर नहीं कर सकती है।

तोशाखाना केस में सुनाई गई है तीन साल की सजा

PTI चीफ को शनिवार को सेशन कोर्ट ने तोशाखना केस में तीन साल की कैद और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। अगले पांच साल तक उनके चुनाव लड़ने पर पाबंदी है। तोशाखाना केस में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी गिफ्ट गलत तरीके से बेच डाले थे। इमरान खान पर कुछ अरसा पहले उस समय भी आफत आई थी जब सेना ने उनको अदालत परिसर से उठा लिया था। उससे पहले इमरान खान को अरेस्ट न कर पाने के लिए सेना, सरकार और पुलिस की खासी फजीहत हो चुकी थी। इमरान अपने घर में छिपे थे और उऩके समर्थक बाहर हिंसक हो रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट से इमरान को खासी उम्मीद, पहले भी बचा चुका है सेना से

सेना ने इमरान को एक बार धरा तो लगा कि उनका खेल खत्म हो गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट तुरंत हरकत में आ गया। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल बंदियाल ने पहले उनको पेश और फिर रिहा करने का आदेश दिया था। इमरान के लिए राहत की बात है कि बंदियाल कुर्सी पर हैं। फरवरी 2022 में वो पाकिस्तान के 28वें चीफ जस्टिस बने थे। वो सितंबर तक पद पर हैं। वरिष्ठता के हिसाब से जस्टिस ईसा 17 सितंबर 2023 को पाकिस्तान के 29वें चीफ जस्टिस बनेंगे। ईसा को बंदियाल का धुर विरोधी माना जाता है। लेकिन अभी बंदियाल पॉवर में हैं।

चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा था- गुड टू सी यू

सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को गुड टू सी यू और विश यू ऑल द बेस्ट कहने वाले चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ही थे। विवादों में आए तो उन्होंने इशारों में सफाई दी। एक केस की सुनवाई के दौरान बंदियाल ने सीनियर लॉयर असगर सब्जबारी से कहा था- गुड टू सी सी यू। कुछ देर रुककर चीफ जस्टिस ने कहा- इमरान खान से भी मैंने यही कहा था। इसके लिए मुझे ताने दिए जा रहे हैं। लेकिन मैं हमेशा ऐसा ही करता हूं।