हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन ने कहा है कि यदि कश्मीर में जारी हिंसा पर कोई शांतिपूर्ण हल नहीं निकलता है तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ लेना चाहिए। यहां संवाददाता सम्मेलन में सलाहुद्दीन ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने की घटना ने कश्मीर के लिए संघर्ष को एक नया अर्थ दिया है। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक सलाहुद्दीन ने पाकिस्तान को जारी हिंसा का एक शांतिपूर्ण हल निकालने को कहा है। हिजबुल के सुप्रीम कमांडर ने कहा, ‘वानी के मारे जाने के विषय पर यदि कोई शांतिपूर्ण हल नहीं निकलता है तो पाकिस्तान को भारत के साथ राजनयिक संबंध तोड़ लेने पर विचार करना चाहिए।’
कमांडर ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों की मदद के लिए नैतिक रूप से आबद्ध है। कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्ताव का जिक्र करते हुए सलाहुद्दीन ने कहा कि अब तक ऐसे 18 प्रस्ताव कश्मीर पर संरा में रखे गए हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने नजरअंदाज किया है। सलाहुद्दीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत से अपने राजदूतों को वापस बुला लेने की अपील की। सलाहुद्दीन ने इस क्षण के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ हल बताया।
कमांडर ने कहा कि कश्मीर के प्रति पाक की नीति सतत नहीं रही है जिसने घाटी में भारतीय सैनिकों को मजबूती प्रदान की। सलाहुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से अनिर्णायक रुख रहने को लेकर कश्मीरी खुद अपने हाथों एक निर्णायक घड़ी तय करने की तैयारी कर रहे हैं। हिंसा बढ़ने के साथ, कई कश्मीरियों का मानना है कि सशस्त्र प्रतिरोध ही इस स्थिति से निकलने का एकमात्र रास्ता है।