पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने मंगलवार (24 जुलाई) को आदेश दिया कि अल्लाहू अकबर तहरीक के तीन चुनावी उम्मीदवार अपनी कंप्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट की प्रतियां आयोग में दाखिल करें। पाकिस्तान के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक, आयोग को सूचना मिली है कि इन तीन उम्मीदवारों का नाम संयुक्त राष्ट्र के द्वारा वांछित आतंकियों की सूची में शामिल है।

चुनाव आयोग ने गठित की बेंच: सिंध प्रांत से आने वाले आयोग के सदस्य अब्दुल गफ्फार सूमरो पाकिस्तानी चुनाव आयोग की तीन सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता करेंगे। ये बेंच इस पूरे मामले की जांच कर रही है। इन तीनों उम्मीदवारों के नाम भी द डॉन ने अपनी रिपोर्ट में लिखे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, साहिवाल की एनए-149 क्षेत्र से मोहम्मद अशरफ, फैसलाबाद की पीपी-113 सीट से जफ़र इकबाल और मंडी बहाउद्दीन इलाके की पीपी-67 सीट से एहसान रांझा चुनाव लड़ रहा है। ये तीनों ही मंगलवार को पाकिस्तानी चुनाव आयोग के सामने पेश हुए। जबकि पाकिस्तानी गृह मंत्रालय का कोई भी प्रतिनिधि बेंच के सामने पेश नहीं हुआ है।

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पाकिस्‍तान चुनाव आयोग को सूचना मिली है कि तीनों उम्‍मीदवार हाफिज सईद के गुट के आतंकी हैं। फोटो- रायटर्स

अल्लाहू अकबर के वकील ने तीनों उम्मीदवारों की तरफ से पेश होते हुए बेंच के समन को गलत बताया। वकील ने कहा कि चुनाव से ठीक एक दिन पहले समन भेजना पूरी तरह से गलत है। बेंच ने उम्मीदवारों को आदेश दिया कि वह अपनी राष्ट्रीयता से संबंधित दस्तावेज और पासपोर्ट की कंप्यूटरीकृत प्रतियां लिखित जवाब के साथ भेजें। अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। वहीं उम्मीदवार 25 जुलाई को होने वाले मतदान में भाग ले सकेंगे। हालांकि अगर पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने उनकी योग्यता के खिलाफ फैसला दिया तो उन्हें असूचीबद्ध कर दिया जाएगा।

द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने इस स्थिति ​का संज्ञान पिछले हफ्ते लिया था। उन्होंने सभी तीन उम्मीदवारों को नोटिस भेजते हुए आयोग के सामने उपस्थित होने के लिए कहा था। नोटिस में लिखा था,” अगर उम्मीदवार आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं होते हैं तो बेंच उनकी गैर मौजूदगी में ही फैसला सुना देगी।” वैसे बता दें कि आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा की राजनीतिक शाखा प्रतिबंधित मिल्ली मुस्लिम लीग का रजिस्ट्रेशन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने नकार दिया था। इसलिए हाफिज सईद की पार्टी ने तय किया कि अपने उम्मीदवारों को वह अल्लाहू अकबर तहरीक नाम की राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़वाएंगे।