ट्रेड डील को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अभी तक बात नहीं बन पाई है। ट्रेड डील से जुड़े विवाद के बीच इसी हफ्ते की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने एससीओ समिट में हिस्सा लिया। अब एससीओ समिट के कुछ दिनों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंंप ने कहा है कि ऐसा लगता है कि भारत और रूस चीन की तरफ चले गए हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर कहा, “लगता है भारत और रूस अब गहरे, अंधेरे चीन के साथ हैं। कामना है कि उनका साथ लंबा और सुखद भविष्य लेकर आए!” अमेरिकी राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस पोस्ट के साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग की शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।

SCO समिट पर थी पूरी दुनिया की निगाहें

इस महीने की शुरुआत में चीन में आयोजित किए गए एससीओ समिट पर पूरी दुनिया की निगाहें थीं। इसकी वजह पीएम नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात थी। एससीओ समिट में जब ये तीनों नेता मिले मिले तो इन्होंने तीनों देशों के बीच व्यापक समन्वय का संकेत दिया। अब अमेरिकी राष्ट्रपति का नया सोशल मीडिया पोस्ट भी इसी की बौखलाहट का एक नतीजा हो सकता है।

एससीओ समिट में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन का एक-दूसरे का हाथ थामकर शी की ओर बढ़ते हुए और फिर तीनों का एक करीबी मित्र की तरह घेरा बनाकर बातचीत करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। एससीओ समिट में बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘एससीओ’ का नया अर्थ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, SCO के ‘एस’ का अर्थ है ‘सिक्योरिटी’ यानी सुरक्षा, ‘सी’ का अर्थ है ‘कनेक्टिविटी’ यानी संपर्क और ‘’ओ’ का अर्थ है ‘ऑपर्चुनिटी’ यानी अवसर।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ समिट में ‘ग्लोबल साउथ’ का विकास सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में सीमित रखना भावी पीढ़ियों के साथ घोर अन्याय है। ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अकसर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया तथा लातिन अमेरिका में स्थित हैं। भारत की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि देश “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है।

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