नए साल में 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ दिलवाई जाएगी। इस बीच ईरान ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। ईरान की अदालत में अमेरिकी सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया है। ईरान की अदालत ने कहा कि इराक और सीरिया में ‘अमेरिका समर्थित आतंकी समूहों’ से लड़ते हुए मारे गए ईरानियों के परिवारों को अमेरिका को मुआवजा देना होगा।
ईरान-अमेरिका में वार-पलटवार
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इसके जवाब में अमेरिका में रहने वाले कई परिवारों ने ईरान, हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। दोनों ही मामलों में सुनवाई शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के बीच फिर से जवाबी वार-पलटवार शुरू होगा।
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने इजरायल के खिलाफ हमला बोला था। इस हमले में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे और इसमें कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इसको लेकर कुछ गुप्त दस्तावेज लीक हुए हैं, जिसमें बताया गया है कि हमास ने इजरायल पर हमले से पहले ईरान से आर्थिक मदद ली थी। इसके बाद अमेरिकी पीड़ित परिवारों ने ईरान और उससे जुड़े आतंकी समूहों के खिलाफ अमेरिका की संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। पीड़ित परिवारों ने ईरान के खिलाफ सबूत भी पेश किया गया है।
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वहीं ईरान की अदालत ने शनिवार को ही फैसला सुनाया। अदालत ने इराक और सीरिया में अमेरिकी समर्थन आतंकी समूह से लड़ते हुए मारे गए ईरानी परिवारों को 48.86 अरब डॉलर का मुआवजा देना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार 700 ईरानी परिवारों ने मुकदमा दायर किया था, जिस पर सुनवाई शुरू हो गई है। ईरान की अदालत ने फैसला सुनाया है कि अमेरिका को प्रत्येक वादी को 10 मिलियन डॉलर का हर्जाना देना चाहिए।
कुछ दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बैठक की थी। इस बैठक के बाद अमेरिका ने बयान जारी किया था। बैठक में ईरान की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई। इस बैठक में जिक्र किया गया कि अमेरिका के लिए अभी ईरान सबसे बड़ा खतरा है।