भारतीय और पाकिस्तानी एक-दूसरे पर भरोसा नहीं करते। और वहीं ऐसा लगता है कि बांग्लादेशी हर किसी पर भरोसा करते हैं। एक सर्वे में यह बात सामने आई।
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) और सीवोटर (Cvoter) फाउंडेशन के एक नए सर्वे में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी एक-दूसरे के बारे में और अपने देशों के सात पड़ोसी देशों के संबंधों को किस तरह देखते हैं। यह रिपोर्ट ‘साउथ एशिया इन अ चेंजिग वर्ल्ड’ टाइटल से प्रकाशित की गयी।
सर्वे में शामिल लगभग 78 प्रतिशत भारतीय उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें पाकिस्तानियों पर भरोसा नहीं है, जबकि 60 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने कहा कि उन्हें भारतीयों पर भरोसा नहीं है। इसके विपरीत, 66 प्रतिशत बांग्लादेशी उत्तरदाताओं को भारत पर और 63 प्रतिशत को पाकिस्तान पर भरोसा है।
सही था विभाजन का फैसला
सर्वे में शामिल सभी लोगों ने कहा कि विभाजन का फैसला सही था। हालांकि, ऐसा कहने वालों की संख्या भारत में सबसे कम थी। सर्वे में भाग लेने वालों से जब सवाल किया गया कि अगर 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन को उलटने का प्रस्ताव रखा जाता है तो क्या आप इसका समर्थन करेंगे? जिसके जवाब में ज़्यादातर भारतीयों ने कहा कि वे चाहते हैं कि इसे बदल दिया जा सके।
भारतीयों ने 1947 में एक विभाजन देखा था। वहीं, बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों को दो विभाजन का सामना करना पड़ा था, 1947 में पहला और 1971 में दूसरा विभाजन।
सर्वे में 12 हजार से ज्यादा लोग शामिल
सर्वे में शामिल 12,258 लोगों से सवाल पूछे गए, जिनमें यह शामिल था कि क्या उन्हें लगता है कि विभाजन सही फैसला था और उनके अनुसार उनके संबंधित देशों में वोट खरीदना कितना प्रचलित है। रिपोर्ट में पाया गया कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश, एक-दूसरे की चिंताओं को आसानी से नहीं समझते हैं।
रिपोर्ट में 2002 के बाद से किसी भी देश में हुए महत्वपूर्ण बदलावों का विवरण नहीं दिया गया है, जिसमें 2024 का भारतीय आम चुनाव, बांग्लादेश में एक छात्र आंदोलन द्वारा शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंकना और इमरान खान और पाकिस्तान सेना के बीच टकराव को नहीं शामिल किया गया है।