कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए टीका (COVID-19 Vaccine) आने एक साल बाद भी कई देशों की आधी आबादी का भी टीकाकरण नहीं हुआ है। सीमित संसाधनों और टीके के वितरण में असमानता के कारण गरीब और छोटे देशों में टीकाकरण तेजी से नहीं हो रहा है। नाइजीरिया में केवल चार प्रतिशत आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो सका है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेताते हुए कहा कि इससे नए वैरिएंट के आने का खतरा बरकरार है।

आवर वर्ल्ड इन डेटा साइट के अनुसार चीन में 85.8 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। वहीं अमेरिका में 65.4 फीसदी, भारत में 58.8 फीसदी, इंडोनेशिया में 55.6 फीसदी आबादी का पूर्ण टीकाकरण हुआ है। इसके अलावा पाकिस्तान में 45.2 फीसदी आबादी का टीकाकरण हुआ है। वहीं नाइजीरिया में केवल 4.3 फीसदी आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण हो सका है।

विश्व की 64 फीसदी आबादी को लगी है एक डोज- आवर वर्ल्ड इन डेटा साइट के अनुसार विश्व की 64 फीसदी आबादी को कोरोना टीके की एक खुराक लग चुकी है। दुनियाभर में 11 अरब खुराक लोगों को लगाई जा चुकी है और अब हर दिन 16.69 मिलियन खुराक लगाई जा रही है। कम आय वाले देशों में केवल 14.4% लोगों को कम से कम डोज लगाया गया है।

चीन की वैक्सीन डिप्लोमेसी को लगा झटका- महामारी के बीच विभिन्न देशों को कोरोना टीकों की आपूर्ति करके खुद को विश्व एक जिम्मेदार देश के रूप में स्थापित करने के चीन के प्रयास को झटका लगा है। अमेरिका और भारत सहित अन्य देशों द्वारा आपूर्ति किए गए टीकों की तुलना में इसके टीके कम प्रभावी हैं। इसी के कारण ऐसा हुआ है। इसके चलते यूनिसेफ के अनुसार, चीन का मासिक वैक्सीन निर्यात नवंबर-दिसंबर 2021 के दौरान 50 प्रतिशत तक गिर गया।

चीन समेत इन देशों में फिर बढ़ रहे कोरोना के मामले- दुनियाभर में कोविड -19 मामले बढ़े हैं – विशेष रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में, जहां चीन, दक्षिण कोरिया और हांगकांग सभी ने चिंताजनक संख्या की सूचना दी है। यूरोप में भी मामले बढ़े हैं। डब्ल्यूएचओ ने इसका तीन कारण बताए हैं। इसके अनुसार ओमिक्रोन वैरिएंट का सब वैरिएंट BA.2 सामने आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में बढ़ते मामलों का यह कारण हो सकता है।

क्यों बढ़ रहे मामले- डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि बीए.2 के बारे में निष्कर्ष निकालना अभी भी जल्दबाजी होगी, जो अपने पैरेंट वैरिएंट की तरह अधिक गंभीर लक्षण पैदा नहीं करता। इसके अलावा वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने पाबंदियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों में ढिलाई भी इसका एक कारण है। इसके अलावा वैक्सीन और संक्रमण को लेकर गलत सूचनाएं फैलाना भी एक कारण है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रोन के बाद महामारी समाप्त होने का दावा देने वाली रिपोर्टें भी एक समस्या हैं।