Coronavirus: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई को लेकर ‘बेहद चिंतित’ जर्मनी में हेसे राज्य के वित्त मंत्री थॉमस शाएफर ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। शनिवार (28 मार्च, 2020) को रेलवे ट्रैक पर शाएफर (54) का शव मिल था। अधिकारियों के मुताबिक ऐसा लगता है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली और राज्य के गवर्नर ने रविवार को कहा कि शाएफर कोरोना (54) वायरस के संकट से निराश थे। वह जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की पार्टी क्रिस्टियन डेमोक्रेटिक यूनियन (जर्मनी) से जुड़े थे।
हेसे के मुख्यमंत्री वॉल्कर बॉफियर ने एक बयान में कहा, ‘हम स्तब्ध हैं। हमें विश्वास नहीं हो रहा और हम अत्यंत दु:खी हैं।’ हेसे में जर्मनी की वित्तीय राजधानी फ्रैंकफर्ट है, जहां ड्यूश बैंक और कॉमर्जबैंक का मुख्यालय है। यूरोपीयन सेंट्रल बैंक भी फ्रैंकफर्ट में ही है। राज्य के वित्त मंत्री की मौत की खबर से बेहद दु:खी नजर आ रहे बॉफियर ने कहा कि शाएफर इस महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से उबरने में कंपनियों एवं कर्मचारियों की मदद करने के लिए ‘दिन-रात’ काम कर रहे थे।
चांसलर एंजेला मार्केल के निकट सहयोगी बॉफियर ने कहा, ‘आज हमें यह मानना होगा कि वह बेहद चिंतित थे। विशेषकर इस मुश्किल समय में हमें उनके जैसे ही व्यक्ति की आवश्यकता थी।’ शाएफर के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। उल्लेखनीय है कि दुनियाभर सहित कोरोना वायरस का संक्रमण जर्मनी भी अपना कहर बरपा रहा है। यहां हजारों की संख्या में लोग कोरोना की चेपट में हैं।
इसी बीच जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर देश के नाम अपने पहले संबोधन में नागरिकों से इस वायरस के प्रसार को कम करने के लिए अनुशासन का पालन करने की अपील की है। मर्केल ने साथ ही यह भी स्वीकार किया कि एक ऐसी महिला के लिए स्वतंत्रता छोड़ना बहुत मुश्किल है जो एक कम्युनिस्ट पूर्वी जर्मनी में पली बढ़ी है। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच मर्केल घरेलू नीति पर दृढ़ता से जोर दे रही हैं।
मर्केल जर्मनी में 14 साल से अधिक समय तक शासन में रही हैं और उन्हें संकट का प्रबंधन करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। उन्होंने 2008 के वित्तीय संकट में अपने देशवासियों को आश्वस्त किया था कि उनकी बचत सुरक्षित है। उन्होंने संबोधन में अपने देशवासियों से कहा, ‘यह गंभीर स्थिति है, इसे गंभीरता से लें। जर्मनी के एकीकरण के बाद से- नहीं, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से – हमारे देश के लिए ऐसी कोई चुनौती नहीं रही है जिसमें एकजुटता के साथ काम करना बहुत मायने रखता है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरे जैसे किसी व्यक्ति के लिए जिसके लिए यात्रा और आंदोलन की स्वतंत्रता एक कठिनता से हासिल जीत थी, इस तरह के प्रतिबंधों को अत्यंत जरूरी के तौर पर ही पूरी तरह से उचित ठहराया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन ये फिलहाल जान बचाने के लिए अपरिहार्य है।’ (एजेंसी इनपुट)