यह आखिरी बार था जब परिवार ने रणवीर सिंह (38) की आवाज सुनी। इसके बाद वो थकावट के चलते गिर गए और आगरा में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। करीब 200 किलो मीटर पैदल चल चुके रणवीर को घर पहुंचने के लिए 100 किलोमीटर ज्यादा की दूरी अभी और तय करनी थी, जो अब कभी पूरी नहीं हो सकेंगी।
रणवीर उन असंख्य प्रवासी मजदूरों में से एक थे जो काम की तलाश में अपने गावों से बड़े शहरों की तरफ आते हैं। उन शहरों में आज आईसोलेशन और खुद को अलग-थलग रखने के लिए नियम हैं। रविवार (29 मार्च, 2020) को पति की मौत की खबर सुनकर ममता का घर में रो-रोकर बुरा हाल है। उनके आंसू भी सूख चुके हैं।
बीते 22 मार्च को ही उन्होंने रणवीर से फोन पर बात की थी, पूछा कि वो कब लौटेंगे? ममता ने बताया कि इसके जवाब में रणवीर ने कहा, ‘गांव के दो अन्य लड़के लौट रहे थे, मगर वो लौट नहीं सकते। उन्होंने कहा कि वो गांव नहीं आ सकते। वो तुगलकाबाद स्थित एक रेस्तरां में डिलीवरी ब्वॉय का काम करते थे। रेस्तरां खुले हुए थे। उन्होंने हमने अपना ख्याल रखने के लिए कहा।’
रणवीर कालकाजी में डीडीए कॉलोनी के बगल में एक झोंपड़ी में रहते थे। खाने के लिए वो रेस्तरां पर ही निर्भर थे। घर पहुंचने वक्त नेशनल हाइवे पर आगरा के पास उनका निधन हो गया। डॉक्टर और जांच अधिकारियों के मुताबिक रणवीर की मौत दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों की एक बड़ी आबादी अपने घरों की तरफ लौट रही है। इनमें बहुत से लोग घर लौट आए हैं जबकि अन्य रास्ते में हैं।