कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहे अमेरिका में कोरोनावायरस पर रिसर्च कर रहे चीन के एक शोधकर्ता की हत्या कर दी गई है। इस घटना के बाद सनसनी फैल गई है। पुलिस के मुताबिक, 37-वर्षीय बिंग लियू की हत्या उनके परिचित ने ही की है और बाद में उस शख्स ने खुद आत्महत्या कर ली। स्थानीय समाचार चैनल डब्ल्यूटीएई के अनुसार, उनके संदिग्ध हमलावर 46 वर्षीय हाओ गुव का शव भी खोज लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि यह दोनों के बीच अंतरंग साथी को लेकर विवाद था। पुलिस का कहना है कि इनकी हत्या का शोध से कोई संबंध होने के सबूत नहीं मिले हैं।
हालांकि सोशल मीडिया पर लोग इसे साजिश बता रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि लियू कोरोना वायरस के अमेरिका में बने होने के दावों के बेहद करीब थे। अमेरिका नहीं चाहता था कि उसका भेद सामने आए इसलिए भ्रष्ट अमेरिकी सरकार ने उनकी हत्या करा दी।
वहीं कुछ अन्य यूजर्स ने लिखा है कि चीनी प्रोफेसर की ‘हत्या चीनी कम्युनिस्ट सरकार के आदेश’ पर तो नहीं की गई। वो चीन का सच दुनिया के सामने ला देते। लियू के सहयोगियों ने संवेदना जताई है और उन लोगों ने कहा कि वे अपने शोध जारी रखेंगे। उनकी हत्या के बाद शोध कार्य नहीं रुकेगा
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