पाकिस्तान और इसके आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सीधा जिक्र करने से बचते हुए चीन ने जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में तनाव के ‘गहराने’ को लेकर सोमवार (19 सितंबर) को चिंता जाहिर की तथा भारत और पाकिस्तान से अपने मतभेद बातचीत के जरिए सुलझाने का आह्वान किया। संवाददताओं ने जब चीनी विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता लू कांग से उरी में सेना के एक शिविर पर रविवार (18 सितंबर) हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा इसके लिए पाकिस्तान तथा इसके आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराए जाने पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, ‘हम प्रभावित परिवारों और घायलों के प्रति सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त करते हैं।’पाकिस्तान तथा जैश ए मोहम्मद के नाम का सीधा जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, ‘हमने सामयिक खबरें देखी हैं। इस हमले से हम हतप्रभ हैं।’

यहां जैश ए मोहम्मद का जिक्र करना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन ने इसके आतंकी नेता मसूद अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंध लगवाने के भारत के प्रयासों में तकनीकी अड़ंगा लगा दिया था। भारत पठानकोट हमले में अजहर की संलिप्तता के चलते संयुक्त राष्ट्र से उसके खिलाफ प्रतिबंध लगवाना चाहता था। लू कांग ने कहा ‘चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। हम कश्मीर में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष अपने मतभेद दूर करने के लिए बातचीत और विचार विमर्श करेंगे तथा आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे। केवल इस तरीके से ही वे अपने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित कर सकते हैं।’

यह पूछे जाने पर कि चीन हिंसा में वृद्धि का 46 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना पर असर किस तरह देखता है, लू ने कहा ‘इस गलियारे का निर्माण क्षेत्र के देशों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस गलियारे से निर्बाध कामकाज सुनिश्चित करने के लिए सभी संबद्ध देशों के ठोस प्रयासों की जरूरत है।’ ल्यू ने कहा ‘साथ ही मैं इस बात पर भी जोर देना चाहूंगा कि हाल ही में इस क्षेत्र में, खासकर कश्मीर में तनाव में कुछ वृद्धि हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं और शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए इन मतभेदों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रहें तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता संयुक्त रूप से बनाए रखें। यह अंतिम विश्लेषण लाभकारी होगा और चीन, भारत, पाकिस्तान तथा क्षेत्र के सभी देशों के लिए फायदेमंद होगा।’

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ल्यू ने कहा ‘साथ ही मैं इस बात पर भी जोर देना चाहूंगा कि हाल ही में इस क्षेत्र में, खास कर कश्मीर में तनाव में कुछ वृद्धि हुई है।’ उन्होंने कहा ‘हमें उम्मीद है कि सभी संबद्ध पक्ष मिल कर काम कर सकते हैं और शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये इन मतभेदों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रहें तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता संयुक्त रूप से बनाए रखें। यह अंतिम विश्लेषण लाभकारी होगा और चीन, भारत, पाकिस्तान तथा सभी क्षेत्रीय देशों के लिए फायदेमंद होगा।’