Nikki Haley: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार बनने की रेस में शामिल निक्की हेली ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और पूरी दुनिया के अस्तित्व के लिए चीन एक बड़ा खतरा है। साथ ही दावा किया कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है। चीन पिछले पचास साल से अमेरिका को मात देने की साजिश रच रहा है और कई मायने में चीनी सेना की क्षमता अमेरिकी सेना के समकक्ष है।

निक्की हेली न्यू हैम्पशायर में शुक्रवार को इकोनॉमी पर स्पीच दे रही थीं। इस दौरान निक्की ने कहा, ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का एक मकसद साफ है, वो एक बड़ी और एडवांस मिलिट्री बनाना चाहते हैं, जो अमेरिका को डराने के काबिल हो। इसके जरिए वो एशिया और उसके बाहर भी अपना दबदबा बढ़ाना चाहते हैं। चीन की सेना कुछ मामलों में हमारे बराबर है, तो कुछ मामलों में वो हमसे भी आगे हैं।’

रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार ने कहा कि चीन के नेता इतने भरोसे में हैं कि वो हमारे एयरस्पेस में अपने स्पाई बैलून भेज रहे हैं। साथ ही वो क्यूबा के पास जासूसी के लिए बेस भी बना रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टी युद्ध की तैयारी कर रही है और चीन के नेता जीतने का इरादा रखते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन ने अमेरिका से नौकरियां छीन ली हैं। उसने अमेरिका के ट्रेड सीक्रेट लेकर मुख्य उद्योगों को अपने कब्जे में ले लिया है। इन उद्योगों में मेडिसिन से लेकर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी तक शामिल है। यही वजह है कि चीन रिकॉर्ड समय में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए देश से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है।

इस दौरान निक्की हेली ने अपना इकोनॉमिक प्लान साझा किया। हेली ने कहा कि अगर वो अमेरिका की राष्ट्रपति बनती हैं तो वो लोगों का जीवन बेहतर करने के लिए क्या बदलाव लाएंगी? हेली ने टैक्स में कटौती, नौकरशाहों के कार्यकाल की सीमा तय करने और गैरजरूरी बिलों को हटाने की बात कही। इससे पहले भारतीय मूल के एक और राष्ट्रपति विवेक रामास्वामी ने चीन से आर्थिक आजादीकी बात कही थी। उन्होंने कहा कि मैं भारत सहित दूसरे देशों के साथ संबंध और बेहतर करना चाहता हूं। जिससे चीन पर हमारी निर्भरता कम हो।

कौन हैं निक्की हेली?

यूएन में राजदूत और दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर रह चुकीं निक्की का जन्म अमेरिका में 1972 में हुआ। उनका असली नाम नम्रता निक्की रंधावा है। पिता अजीत सिंह रंधावा पत्नी राज कौर के साथ 1960s में PhD करने के लिए अमृतसर से अमेरिका जाकर बस गए थे। 51 साल की निक्की ट्रम्प की धुर विरोधी रही हैं।