अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड जेम्स आस्टिन ने शनिवार को कहा कि चीन भारत के साथ सटी सीमाओं पर लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि अमेरिका अपने मित्रों के साथ खड़ा है, क्योंकि वे बेजिंग के ‘जबरन युद्ध की स्थिति पैदा करने’ और क्षेत्रीय दावों को लेकर ‘आक्रामक रुख’ अपनाने के बीच अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं। सिंगापुर में शांगरी-ला संवाद में आस्टिन ने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर आक्रामक रुख अपना रहा है और अवैध समुद्री योजनाओं को आगे बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘आगे पश्चिम की ओर हम बेजिंग को भारत के साथ सटी सीमाओं पर अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए देख रहे हैं।’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है, जब पैंगोंग त्सो झील इलाके में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। चीन भारत से सटे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और रिहायशी इलाकों जैसे अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण कर रहा है। चीन का हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वियतनाम और जापान जैसे विभिन्न देशों के साथ भी सीमा विवाद है। आस्टिन ने आश्वस्त किया, ‘हम अपनी परस्पर रक्षा प्रतिबद्धताओं को लेकर अटल हैं।’

उनकी ये टिप्पणियां तब आई हैं, जब अमेरिका के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि चीन द्वारा लद्दाख में भारत के साथ सटी सीमा के पास बनाए जा रहे कुछ रक्षा ढांचे ‘चिंताजनक’ हैं। उन्होंने क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को ‘आंखें खोलने’ वाली बताया। आस्टिन ने कहा कि हम अपने मित्रों के साथ भी खड़े हैं, जो चीन के जबरन युद्ध की स्थिति पैदा करने और क्षेत्रीय दावों को लेकर आक्रामक रुख अपनाने के बीच अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।

कोविड की लहरों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने की जोरदार वापसी
अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को संसद को सौंपी गई एक रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 की तीन लहरों का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपनी अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारत में महामारी की दूसरी लहर ने 2021 के मध्य तक आर्थिक वृद्धि पर बहुत ज्यादा असर डाला था, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटने में देरी हुई। भारत के कोविड-रोधी टीकाकरण प्रयासों की प्रशंसा करते हुए मंत्रालय ने कहा, हालांकि वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों ने जोरदार वापसी की और भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आई। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा कि वर्ष 2021 के अंत तक, भारत की लगभग 44 फीसद आबादी का टीकाकरण पूरा हो चुका था।

मंत्रालय ने कहा कि 2020 में भारत की विकास दर सात फीसद थी। 2021 की दूसरी तिमाही में विकास दर महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई और 2021 में पूरे साल विकास दर आठ फीसद रही। साल 2022 की शुरुआत में कोरोना के ओमीक्रान स्वरूप के चलते भारत को कोविड-19 की तीसरी लहर का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन इस दौरान मृतकों की संख्या और आर्थिक गिरावट सीमित ही रही।

मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने 2021 में महामारी को देखते हुए उसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए अर्थव्यवस्था को वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखा। अधिकारियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में कुल राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 फीसद तक हो गया, जो कि महामारी से पहले के राजकोषीय घाटे से अधिक है। मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने मई, 2020 से अपनी प्रमुख नीतिगत दरों को चार फीसद पर बरकरार रखा, लेकिन जनवरी 2021 में इसने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दौर में विकास के लिए तैयार किए गए असाधारण उपायों पर धीरे-धीरे अमल करना शुरू किया।