भारत के खिलाफ चीन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहा है और तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी क्रम में चीन पाकिस्तान की धरती पर सेना उतारने की कोशिश कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर वो भारत के खिलाफ पाकिस्तान की धरती से सैनिकों को इस्तेमाल कर सके। चाइना के शीर्ष राजनायिक यांग जिएची कुछ दिन पहले इस्लामाबाद के दौरे पर थे और उन्होंने पाकिस्तान में चीनी सैनिकों को उतारने पर जोर दिया।
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक यांग जिएची चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के एक प्रभावशाली सदस्य हैं और उन्हें विदेश मामलों की केंद्रीय समिति के निदेशक के रूप में शासन के शीर्ष संकटमोचक के रूप में जाना जाता है। यांग जिएची को बीजिंग की 21वीं सदी की विदेश नीति का निर्माता माना जाता है और वह सीधे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को रिपोर्ट करते हैं।
चाइना, पाकिस्तान में अपने सैनिकों को उतारकर भारत को पाकिस्तान की धरती से भी घेरना चाहता है, ताकि भविष्य में कभी आवश्यकता हो तो चाइना भारत के खिलाफ पाकिस्तान की धरती का भी उपयोग कर सके। सूत्रों ने बताया कि यांग जिएची ने चीनी सैन्य चौकियों के लिए पाकिस्तान को और 40-50 बिलियन डॉलर देने की पेशकश की।
राजनयिक सूत्रों ने न्यूज़ 18 को बताया कि यांग जिएची की पाकिस्तान यात्रा से पता चलता है कि उन्होंने देश में चीनी चौकियों की आवश्यकता के बारे में अपने सहयोगी इस्लामाबाद (पाकिस्तान) को समझाने के लिए एक विशेष मिशन के साथ यात्रा की होगी। सूत्रों ने बताया कि बलूचिस्तान में सीपीईसी (चाइना-पाक इकोनोमिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट) परियोजनाओं की सुरक्षा को लेकर चीन विशेष रूप से चिंतित है।
यांग जिएची ने पाक आर्मी चीफ बाजवा को याद दिलाया कि बीजिंग (चाइना) ने 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है, लेकिन सीपीईसी परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं और ग्वादर के माध्यम से व्यापार शुरू होना बाकी है। बलूच अलगाववादियों का कहना है कि वे क्षेत्रीय खदान और खनिज संसाधनों में अधिक हिस्सेदारी के लिए दशकों से लड़ रहे हैं और इसलिए वे उन सभी चीजों पर हमले करते हैं जो चीन के हित में है।