कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दल अक्सर केंद्र की भाजपा सरकार पर चीन के प्रति रक्षात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते रहे हैं। विपक्ष के इस आरोप पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन पैंगोंग झील पर जहां ब्रिज बना रहा है कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल पहले उसके बारे में जान तो लें। विपक्ष का कहना है कि चीन पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) झील पर पुल बना रहा है और भारत सरकार विरोध नहीं कर पा रही है।
चीन जहां ब्रिज बना रहा, उस भूमि पर सन 1962 में ही कब्जा कर लिया था
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “मैं बताना चाहता हूं कि चीन ने 1962 में हमारी जमीन के एक टुकड़े पर कब्ज़ा कर लिया था और अब आप (विपक्ष) 2023 में मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि चीन उस जमीन पर ब्रिज बना रहा है जिस पर चीन ने 1962 में कब्ज़ा कर लिया था।”
सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मोदी सरकार का बजट पांच गुना बढ़ा
उन्होंने पूछा कि सभी कहते हैं कि हमें सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना चाहिए तो कांग्रेस की सरकार ने ऐसा क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा, मैंने सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट देखा। मोदी सरकार में बजट 5 गुना बढ़ा है। 2014 तक यह 3-4 हजार करोड़ था और आज यह 14 हजार करोड़ है। हमारी सरकार इसको लेकर गंभीर है। हम इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करा रहे हैं।
एस. जयशंकर ने कहा- राहुल गांधी को ज्यादा ज्ञान है तो मैं भी सीखना चाहूंगा
विदेश मंत्री ने कहा कि मैं सबसे लंबे समय तक चीन का राजदूत रहा हूं और बॉर्डर मुद्दों को डील कर रहा था। मैं ये नहीं कहूंगा कि मुझे सबसे अधिक ज्ञान है, मगर मैं इतना कहूंगा कि मुझे इस विषय पर काफी कुछ पता है। अगर राहुल गांधी को चीन पर ज्ञान होगा तो मैं उनसे भी सीखने के लिए तैयार हूं।
उन्होंने कहा, “आज हमारा वैश्विक स्तर बहुत ऊंचा है। आज हम अपनी सोच, अभियान और विदेश नीति को लागू करने की रणनीति को लेकर पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट हैं और ये होना भी चाहिए।” आज वैश्विक मामलों पर विश्व जानना चाहता है कि भारत का क्या मानना है? ये वैश्विक मामले जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का मुकाबला, ब्लैक मनी, सुरक्षा आदि कुछ भी हो सकता है। हम दुनिया को बहुत साफ तौर पर जता चुके हैंकि हम अंतरराष्ट्रीय शक्ति हैं। हम इस समय दूसरे देशों के लिए अन्य देशों की तुलना में अधिक काम करने के लिए तैयार हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, “गल्फ राष्ट्र के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हुए हैं। ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ? मुझे लगता है कि जब आपकी मानसिकता वोट बैंक की हो, तो आप विदेश नीति और इसे क्रियान्वित करने के बारे में गंभीर नहीं होते। आपके लिए यह एक नारा है कि वे हमारे साथ हैं।”
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि गल्फ राष्ट्र का कहना है कि आज का भारत 10 साल पहले के भारत से कहीं अधिक विश्वसनीय है। आप वहां के लोगों से पूछेंगे तो मैं शर्त लगाता हूं कि सभी लोग कहेंगे कि हम प्रधानमंत्री मोदी को प्राथमिकता देंगे।