Charles Sobhraj: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाकर नेपाल की जेल अथॉरिटीज ने पहले तो चार्ल्स शोभराज को रिहा करने में आनाकानी की, लेकिन शाम होते-होते जेल प्रशासन उसे रिहा करने पर राजी हो गया। जेलर ईश्वोरी प्रसाद पांडेय ने शाम को एएनआई से कहा कि अगर औपचारिकताएं पूरी हो गईं तो चार्ल्स को आज शाम को भी रिहा किया जा सकता है। जबकि उसके वकील का कहना है कि शुक्रवार सुबह उसे इमीग्रेशन डिपार्टमेंट के सुपुर्द किया जाएगा।

बुधवार को जज सपना प्रधान मल्ला और तिल प्रसाद श्रेष्ठ की बेंच ने ‘बिकनी किलर’ के नाम से मशहूर 78 साल के शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया था। शोभराज ने जेल से रिहा होने के लिए एक याचिका दायर की थी जिसके बाद कोर्ट ने उसकी वृद्धावस्था के आधार पर उसकी रिहाई के आदेश दिया था। कोर्ट ने रिहाई के 15 दिनों के भीतर उनके निर्वासन को भी मंजूरी दे दी थी।

चार्ल्स शोभराज हत्या, चोरी और धोखाधड़ी के कई मामलों में शामिल था। उसे 2003 में नेपाल की यात्रा के दौरान दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

शोभराज के जीवन पर एक नजर डालें तो पता चलता है कि शोभराज का जन्म तत्कालीन फ्रांसीसी कब्जे वाले साइगॉन (वियतनाम) में हुआ था। शोभराज की मां वियतनामी नागरिक थीं। पिता भारतीय थे, जिनका वियतनाम में बिजनेस था। शोभराज का जन्म 6 अप्रैल 1944 को हुआ था। हालांकि शोभराज के पिता और मां की कभी शादी नहीं हुई थी। उनके पिता ने कभी पितृत्व को स्वीकार नहीं किया।

इसके बाद शोभराज की मां ने एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी कर ली और उनका परिवार फ्रांस चला गया। बताया जाता है कि शोभराज ने अपने पिता के परित्याग पर नाराजगी जताई थी और अपनी मां के नए परिवार के साथ कभी कंफर्टेबल नहीं हुआ। वह अपनी किशोरावस्था से ही छोटे-मोटे अपराधों में लग गया था।

जानकारी के मुताबिक, शोभराज ने पूरी दुनिया घूमी। उसने हिप्पी यात्रियों के साथ अपनी जर्नी शुरू की थी। वह अपने साथ के यात्रियों के ही ड्रिंक्स में नशीला पदार्थ मिला देता था और उनकी हत्या कर देता था। अक्सर उसके ऐसे कामों में महिलाएं साथ देती थीं। शोभराज पर लगभग 20 हत्याओं का आरोप है।