सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 7,080 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि की कथित धोखाधड़ी के मामले में गीतांजलि समूह की कंपनियों के पूर्व अंतरराष्ट्रीय प्रमुख सुनील वर्मा तथा अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इस मामले में समूह का मालिक मेहुल चोकसी वांछित है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र में आरोपियों के तौर पर पीएनबी के दो अधिकारियों सागर सावंत तथा संजय प्रसाद और समूह के तहत आने वाले ब्रांड जिली और नक्षत्र के निदेशक धनेश सेठ को भी नामजद किया गया है।चोकसी और उसकी कंपनियों के खिलाफ मामले में प्रथम आरोपपत्र दायर किये जाने के तीन साल से अधिक समय बाद पूरक आरोपपत्र ऐसे समय में दायर किया गया है, जब भगोड़े हीरा कारोबारी चोकसी के खिलाफ डोमिनिका की अदालत में कानूनी कार्यवाही चल रही है। चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद 24 मई को डोमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, “तीन साल के बाद पूरक आरोपपत्र दायर किया जाना दर्शाता है कि यह केवल उन विसंगतियों को ढकने की कोशिश है जिन्हें बचाव पक्ष ने पहले आरोपपत्र में इंगित किया था। अब सबूतों को नष्ट करने के लिए आईपीसी की धारा 201 को जोड़ना कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं है क्योंकि कोई दस्तावेज अदालत में दाखिल किये जाने के बाद ही साक्ष्य बनता है और आरोप प्राथमिकी से काफी पहले की अवधि के हैं।”
चोकसी पीएनबी घोटाला सामने आने से कुछ सप्ताह पहले जनवरी, 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है। इससे पहले डोमिनिका उच्च न्यायालय ने पड़ोसी एंटिगा और बारबुडा से रहस्यमय परिस्थितियों में गायब होने के बाद द्वीपीय देश में अवैध रूप से घुसने के मामले में भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
स्थानीय मीडिया ने यह खबर दी। चोकसी 2018 से एंटिगा और बारबुडा में नागरिक के तौर पर रह रहा है। समाचार संस्थान एंटिगा न्यूजरूम की खबर के अनुसार उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को (स्थानीय समयानुसार) अपने फैसले में कहा कि चोकसी के ‘भागने का खतरा’ है।