पाकिस्‍तान का कहना है कि वह छोटे परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल पर किसी तरह की बंदिश स्‍वीकार नहीं करेगा। पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात में यह साफ कर देने का मन बना लिया है। यह मुलाकात गुरुवार को होनी है।

पाकिस्‍तान लगातार कहता रहा है कि छोटे परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल पर बंदिश नहीं होने से भारत की ओर से अचानक होने वाले संभावित हमलों का खतरा कम हो जाएगा। लेकिन अमेरिका की चिंता है कि पाकिस्‍तान का यह रुख परमाणु हमले की आशंका बढ़ा सकता है।

छोटे परमाणु हथियारों का इस्‍तेमाल पारंपरिक लड़ाई में किया जा सकता है। अमेरिका चाहता है कि पाकिस्‍तान इस बात की गारंटी दे कि वह अपने छोटे परमाणु हथियार भी इस्‍तेमाल नहीं करेगा। लेकिन पाकिस्‍तान ऐसा नहीं करके अपने लिए सारे विकल्‍प खुले रखना चाहता है।

पाकिस्‍तान लगातार परमाणु हथियार बढ़ा रहा है और इससे अमेरिका चिंतित है। फिर भी पाकिस्‍तान से संबंध मजबूत करने के लिए वह उसे आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने जा रहा है।

उधर एक पाकिस्‍तानी सुरक्षा अधिकारी का कहना है, ‘पाकिस्‍तान का परमाणु कार्य्रक्रम पूरी तरह भारत पर फोकस्‍ड है। इसका उद्देश्‍य यही है कि भारत कभी भी पाकिस्‍तान के खिलाफ युद्ध की बात सोच नहीं सके। छोटे परमाणु हथियार इस मकसद में मददगार साबित हो सकते हैं।

हमें कोई यह आदेश नहीं दे सकता कि हम अपने किस तरह के हथियार का कैसे इस्‍तेमाल करें।’ इस अधिकारी के मुताबिक पाकिस्‍तान परमाणु युद्धपोत भी तैयार कर रहा है। इसका मकसद समुद्र से हमले की क्षमता हासिल करना है।

ओबामा से मुलाकात से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने बुधवार को नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। लेकिन इस मुलाकात में परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल का मुद्दा उठा या नहीं, इस बारे में केरी के प्रवक्‍ता ने कुछ नहीं बताया। प्रवक्‍ता जॉन किरबी ने नियमित प्रेस वार्ता में बताया कि अमेरिका ने पाकिस्‍तान को भारत से तनाव कम करने के लिए बातचीत बढ़ाने का सुझाव दिया।