बांग्लादेश में इस समय भयंकर हिंसा का दौर देखने को मिल रहा है, 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच पड़ोसी मुल्क के सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। उसने दो टूक कहा है कि सरकारी नौकरी में 93 फीसदी भर्तियां मेरिट के आधार पर ही रहेंगी। वही 1971 युद्ध के शहीदों के परिवारों को जो आरक्षण देने की बात थी, उसे 30 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश, थमेगी हिंसा?

बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को भी अवैध करार दिया है। असल में 2018 में हसीना सरकार ने ही उस कोटा सिस्टम को खत्म कर दिया था, लेकिन फिर मामला हाई कोर्ट गया और इसी साल पिछले महीने फिर वो आरक्षण लागू हो गया। उसके बाद से ही पूरे बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। आलम यह है कि कई यूनिवर्सिटी बंद चल रही हैं, इंटरनेट सस्पेंड किया जा चुका है और पूरे देश में कर्फ्यू लगा है।

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अब जब सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादिक कोटा सिस्टम में इतना बड़ा बदलाव कर दिया है, माना जा रहा है कि हिंसक प्रदर्शन रुक सकता है। जिस बात की डिमांड विरोध कर रहे छात्र लगातार कर रहे थे, सुप्रीम कोर्ट ने उसी दिशा में अपना फैसला सुनाया है। वैसे स्थिति का सुधरना इसलिए भी जरूरी है कि क्योंकि जानकार मानते हैं कि अब यह आंदोलन छात्रों के हाथ से निकल चुका है।

छात्रों के हाथ से निकला आंदोलन?

असल में अब जब हिंसा की जांच की जा रही है तो पता चल रहा है कि यह विरोध प्रदर्शन अब छात्रों से ज्यादा देश विरोधी ताकतों के हाथ में आ चुका है। ऐसे इनपुट मिल रहे हैं कि बांग्लादेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को और ज्यादा हवा देने का काम जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश कर रहा है। इस संगठन को लेकर लंबे समय से ही पाकिस्तान और चीन का बड़ा समर्थन माना गया है। उसका फिर ताकतवर होना भारत के लिए भी अच्छी बात नहीं है। इसी वजह से कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा का असर भारत पर भी पड़ सकता है। इस समय बांग्लादेश से जो पलायन हो रहा है, उसका एपीसेंटर भी भारत ही बना हुआ है।

भारत के लिए क्या चुनौती?

असल में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में नेपाली और भूटानी लोग भारत के मेघालय पहुंच गए हैं। उस वजह से राज्य में शरण लेने वालों की संख्या 670 से भी ज्यादा बताई जा रही है। गृह विभाग का एक आंकड़ा बताता है कि बांग्लादेश से 204 भारतीय, 158 नेपाली और एक भूटानी नागरिक मेघालय पहुंच चुके हैं। यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसे में अस्थिर बांग्लादेश की वजह से भारत में अवैध तरह से घुसने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।