Bangladesh Reservation Protest: बांग्लादेश में रविवार को एक बार फिर से हिंसा ने भयानक रूप धारण कर लिया है। पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार को हुई झड़प में कम से कम 91 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। मरने वाले लोगों में 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ढाका में बढ़ते तनाव और हिंसा के चलते ज्यातर दुकानें और मॉल्स बंद हैं। एहतियात के तौर पर पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हसीना के लिए ये प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। हसीना पिछले 15 सालों से सत्ता में हैं। हसीना की सरकार गिरने के कगार पर है। प्रदर्शनकारी पीएम हसीना के इस्तीफे की मांग पर ही डटे हुए हैं। अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने फेसबुक, मैसेंजर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद करने का भी आदेश दिया है। इतना ही नहीं मोबाइल इंटरनेट बंद करने का भी आदेश दिया गया है।
प्रदर्शन के दौरान ढाका की ज्यादातर दुकानें और मॉल बंद रहे। ढाका के शाहबाग में सैकड़ों छात्र और प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और सरकारी विरोधी नारे लगाए गए। रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी में कई वाहनों में आग लगी दी गई। अस्पताल परिसर में निजी कारों, एम्बुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ की गई। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, प्राइवेट यूनिवर्सिटी और मदरसों के छात्रों के साथ-साथ मजदूरों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और अन्य सार्वजनिक सदस्यों से विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया था।
बांग्लादेश की पीएम का रुख
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को प्रदर्शन के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले लोगों को आंतकी कहा है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार उनसे कड़ाई के साथ में निपटेगी। उन्होंने कहा, “मैं देशवासियों से इन आतंकियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं।” प्रधानमंत्री ने एक सुरक्षा बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (RAB), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के चीफ और अन्य शीर्ष सिक्योरटी अफसर के साथ हालात की समीक्षा की। इस बैठक में प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री भी मौजूद थे। इससे संबंधित खबर के लिए यहां क्लिक करें…
बांग्लादेश में हिंसा का भारत पर इम्पैक्ट
अब अगर बात बांग्लादेश हिंसा की भारत पर असर की करें तो देश के व्यापार पर काफी असर पड़ने की संभावना है। भारत और दक्षिण एशिया के सबसे बड़े लैंड पोर्ट पेट्रापोल में भी काफी सारी गतविधियां बंद पड़ जाती हैं। बांग्लादेश के साथ व्यापार पर असर पड़ने से करीब 150 करोड़ रुपये का नुकसान होता है, जबकि पेट्रापोल और बेनापोल बार्डर के जरिए सालाना व्यापार करीब 30,000 करोड़ रुपये का होता है। वहीं, इंटरनेट के बंद होने की वजह से भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
बांग्लादेश में स्थिति खराब होने की वजह से वहां के लोग शरण लेने के लिए भारत का रुख कर सकते हैं। इसी वजह से बार्डर पर बीएसएफ के जवान पूरी तरह से सतर्क हैं। इंडियन आर्मी अवैध तरीके से किसी के भी भारत में एंट्री नहीं करने के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं। लेकिन फिर भी बांग्लादेश से सटे त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल में तनाव की स्थिति बन सकती है।
बता दें कि साल 2021 में भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 2,951 लोगों को अरेस्ट किया गया था। इनमें 2036 बांग्लादेशी नागरिक थे और 58 रोहिंग्या थे। वहीं, 2022 में बॉर्डर पर 2,966 लोगों को अरेस्ट किया गया था। इनमें 1951 बांग्लादेशी और 79 रोहिंग्या थे। साल 2023 के बारे में बताए तो 2,565 लोगं को अरेस्ट किया गया था। इनमें 1548 बांग्लादेशी और 86 रोहिंग्या थे। इस साल 15 जुलाई तक करीब एक हजार से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है।
भारत सरकार ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
इस घटना के बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को सुरक्षित जगहों पर रहने की सलाह दी है। यहां भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। बांग्लादेश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें किसी मदद की जरूरत हो तो वे इस नंबर +88-01313076402 पर संपर्क करें।
बांग्लादेश में सड़क पर क्यों उतरे छात्र? आरक्षण को लेकर पूरे देश में बवाल के पीछे क्या है वजह
हिंसा की आग में क्यो सुलग रहा बांग्लादेश?
अब यह जो विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उसका कारण समझना भी जरूरी है। असल में बांग्लादेश में 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने की बात है। अब ढाका और दूसरे शहरों के छात्र इसी आरक्षण का विरोध कर रहे हैं, वो इसे भेदभाव वाला मानते हैं, इसे 10 फीसदी तक करने की बात करते हैं।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को हाईकोर्ट के फैसले में बदलाव करते हुए आरक्षण की सीमा 56 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दी। इसमें से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5 फीसदी आरक्षण मिलेगा, जो पहले 30 फीसदी था। बाकी 2 फीसदी में एथनिक माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 93 फीसदी नौकरियां मेरिट के आधार पर मिलेंगी।
इस हिंसा और तनाव के बीच बांग्लादेश के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्या प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देंगी या हिंसा और बढ़ेगी? यह सवाल अब हर किसी के मन में उठ रहा है। जनता को न्याय और शांति की उम्मीद है, लेकिन माहौल काफी तनावपूर्ण बना हुआ है।