बांग्लादेश में भारी सियासी उथल-पुथल के बीच प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन समेत कई जजों को इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया। देश में शेख हसीना सरकार के गिरने और नई अंतरिम सरकार बनने के बाद भी विरोध का दौर जारी है। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने शनिवार को देश के सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया और चीफ जस्टिस समेत सभी जजों से इस्तीफा देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने उनको दोपहर एक बजे तक अपने इस्तीफे सौंप देने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

चीफ जस्टिस के फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने से नाराज हुए प्रदर्शनकारी

चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने ऐलान किया है कि वे शाम को राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा उनको सौंप देंगे। ढाका में विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों को ऐसी जानकारी मिली थी कि चीफ जस्टिस अंतरिम सरकार को अवैध घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस लिए सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी छात्र और विरोध कर रहे लोग सुप्रीम कोर्ट की घेराबंदी कर ली। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। दरअसल सुबह चीफ जस्टिस ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई थी। इसके बाद ही विरोधियों ने हंगामा शुरू कर दिया।

इससे पहले, स्थानीय दैनिक अखबार प्रोथोम अलो ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद देशभर में हिंसा में कम से कम 232 लोग मारे गए हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पिछले 23 दिनों में कुल मौतों की संख्या 560 है।

इस बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंध अवामी लीग पर निर्भर नहीं हैं और भारत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को शरण दिए जाने पर बांग्लादेश में “प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं आना स्वाभाविक है।”

दिन में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति गठित की है। उन्होंने कहा, “समिति भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और वहां रहने वाले अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी।”