पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले के मामले में पंजाब की पुलिस ने आखिरकार केस दर्ज कर लिया है। खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पुलिस हरकत में आई। इमरान पर हमला करने वाले आरोपी को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी तक इस केस में एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी। पुलिस का रवैया खासा टालमटोल वाला ही रहा था।

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को पुलिस को हिदायत दी थी कि वो इस मामले में केस दर्ज करे। इमरान ने अपनी शिकायत में हमले के लिए जिन लोगों पर आरोप लगाया था, उनमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राना सनाउल्लाह, पाकिस्तान सेना के सीनियर अफसर मेजर जनरल फैजल नसीर का नाम शामिल था। हालांकि पुलिस ने जो केस दर्ज किया है उनमें इनमें से किसी का नाम भी शामिल नहीं किया गया है।

ध्यान रहे कि इमरान खान पर हमले के मामले में पुलिस ने नावीद मोहम्मद बशीर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें केवल नावीद का ही नाम है। इमरान खानकी पार्टी करे एक नेता का कहना है कि वो एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट नमें चुनौती देने जा रहे हैं। हालांकि इस मामले में पुलिस ने जिस तरह से केस दर्ज करने में देरी की उससे चर्चाएं गर्म हैं।

उधर इमरान खान का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश के तहत हमला कराया गया। लेकिन पुलिस ने जिस तरह से केस दर्ज करने में देरी की, उससे साफ है कि वो कार्रवाई करना ही नहीं चाहते थे। उनकी पार्टी के एक नेता का कहना है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री पर हमले के मामले में पुलिस का ये रवैया है तो आम आदमी का क्या होगा। ऐसे में उसे न्याय कैसे मिल सकेगा।

पुलिस का दावा है कि नावीद ने खुद माना है कि उसने इमरान खान को निशाना बनाया। उसका कहना है कि जिस तरह से इमरान लोगों को गुमराह कर रहे हैं, उससे वो काफी आहत था। ध्यान रहे कि इमरान खान के दायें पैर में गोली लगी थी।