अमेरिकन यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने दो महीने पहले ही डोनाल्ड ट्रंप की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी। इतिहास के प्रोफेसर एलन जे लिचमैन ने कहा था कि डेमोक्रेटिक पार्टी को व्हाइट हाउस से दूर नहीं रखा जा सकेगा। लिचमैन 30 साल से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की भविष्यवाणी कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप को लेकर कई विवाद खड़े हुए। उन पर महिलाओं से दुर्व्यवहार करने और महिला विरोधी होने का आरोप लगा था। इसके चलते ट्रंप की जीत की संभावनाएं भी खारिज होने लगी थी। लेकिन प्रोफेसर लिचमैन अपनी भविष्यवाणी पर अडिग रहे। 1984 के चुनावों से लिचमैन राष्ट्रपति चुनावों को लेकर भविष्वाणी कर रहे हैं और हर बार उनकी बात सही साबित हुई। उन्होंने बताया कि वे 13 सही/गलत जवाबों के आधार पर भविष्यवाणी करते हैं।
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लिचमैन के अनुसार यह 13 सवाल 1860 से 1980 के अमेरिकान राष्ट्रपति के चुनावों के दौरान खोजे गए थे। इन्हीं के आधार पर वे भविष्यवाणी करते हैं। इन 13 सवालों पर सही जवाब का मतलब है कि सत्ता में बैठी पार्टी फिर से चुनी जाएगी। लेकिन छह या इससे ज्यादा गलत जवाब का मतलब है विपक्ष सरकार बनाएगा। गौरतलब है कि मीडिया ने ट्रंप की हार की भविष्यवाणी की थी। ABC/Washington Post के सर्वे में दिखाया गया था कि ट्रंप एक प्वाइंट से क्लिंटन से आगे चल रहे थे। वहीं एक हफ्ते में ही इस पोल में बदलाव आया और बताया गया कि ट्रंप हिलेरी से 12 प्वाइंट पीछे हो गए। वहीं New York Times/NBC के पोल ने हिलेरी को तीन प्वाइंट आगे बताया था। हालांकि, दोनों के बीच में कांटे की टक्कर होगी। लेकिन फिर भी क्लिंटन रेस में आगे चल रही हैं। फॉक्स न्यूज ने अपने ताजा सर्वे में कहा था कि ट्रंप (43 फीसद) हिलेरी से (45 फीसद) दो फीसद अंकों से पीछे हैं।
इस बार सीएनएन का अनुमान भी गलत साबित हुआ। सीएनएन साल 2000 से चुनावों को लेकर सही भविष्यवाणी कर रहा था। पिछले दिनों इस संबंध में सीएनएन ने एक वीडियो भी जारी किया था। सीएनएन की डायरेक्टर ऑफ पॉलिंग एंड इलेक्शन एनालिटिक्स जेनिफर एजिस्टा ने खुद बताया है कि उनकी टीम चुनावों की कवरेज कैसे कर रही है। उनकी टीम में 14 लोग हैं जो चुनाव की रात काम कर रहे हैं। उन्होंने इस रात के लिए कई बार रिहर्सल की है। 14 लोगों को अलग-अलग टीम में बांटा गया है। जिनमें से हर एक टीम में एक सांख्यिकी का विशेषज्ञ है जिसे सीएनएन द्वारा किए जाने वाले अनुमानों की पूरी समझ होती है। हर टीम में एक राजनैतिक विशेषज्ञ भी होता है जिसे उस राज्य के भूगोल की पूरी जानकारी होती है।
चुनाव की रात अपने अनुमानों के लिए सीएनएन कई तरह के डाटा का इस्तेमाल करता है। पहला, एग्जिट पोल्स (वोट देकर लौट रहे लोगों से बात कर रुझान लेना) के आधार पर लोगों के व्यवहार का आकलन करना। सीएनएन के पत्रकार लोगों से बातचीत कर जानने की कोशिश करते हैं कि उन्होंने किसी उम्मीदवार को समर्थन क्यों दिया। जब सीएनएन किसी राज्य के बारे में अनुमान लगाता है तो उसमें कई पहलू समाहित होते हैं, सीएनएन इसे सिर्फ ‘एग्जिट पोल’ नहीं मानता।