अमेरिका ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान को लेकर एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंकवाद का हवाला देते हुए अपने नागरिकों से पाकिस्तान, विशेष रूप से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों और देश की नियंत्रण रेखा (LoC) की यात्रा नहीं करने को कहा है।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है, “आतंकवाद के कारण पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (FATA) सहित बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा (KP) प्रांत की यात्रा न करें।”
अमेरिका ने अपने नागरिकों से आतंकवाद और संघर्ष की संभावना के कारण भारत-पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा के आसपास की यात्रा से बचने का भी आग्रह किया। एडवाइजरी में कहा गया है कि आतंकवादी समूह इस क्षेत्र में सक्रिय होने के लिए जाने जाते हैं।
अमेरिका ने आतंकवाद को बताया कारण
एडवाइजरी में कहा गया है, “जो लोग भारत या पाकिस्तान के नागरिक नहीं हैं उनके लिए पाकिस्तान-भारत सीमा पार करने का एकमात्र आधिकारिक पॉइंट वाघा, पाकिस्तान और अटारी, भारत के बीच पंजाब प्रांत में है।”
बयान में कहा गया है, “बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए हैं और छोटे पैमाने पर हमले अक्सर होते रहते हैं। चरमपंथी तत्वों द्वारा आतंकवाद और चल रही हिंसा के कारण नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य और पुलिस ठिकानों पर अंधाधुंध हमले हो रहे हैं।”
पाकिस्तान के इन शहरों को बताया गया थोड़ा सुरक्षित
बयान में आगे कहा गया है कि हालांकि इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे प्रमुख शहरों में अपेक्षाकृत बेहतर सुरक्षा है, अमेरिकी नागरिकों को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जहां चरमपंथी समूह सक्रिय रहते हैं। साथ ही बयान में हाल की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें दिखाया गया है पाकिस्तान के किसी भी हिस्से में हिंसा की संभावना है।
अमेरिका ने अपनी ताजा एडवाइजरी में बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और FATA इलाकों के साथ-साथ नियंत्रण रेखा के आसपास के इलाकों को लेवल 4 की श्रेणी में रखा है।
स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम (STEP) में नामांकन करने का आग्रह
बयान में आगे कहा गया है, “आतंकवादी परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, पर्यटक आकर्षणों, स्कूलों, अस्पतालों, पूजा स्थलों और सरकारी सुविधाओं को निशाना बनाकर बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। आतंकवादियों ने अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक सुविधाओं को निशाना बनाया है।”
अमेरिकी सरकार के पास पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में, विशेषकर प्रमुख शहरों के बाहर कांसुलर सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है। यात्रियों से सुरक्षा अलर्ट प्राप्त करने और आपात स्थिति में उनका पता लगाना आसान बनाने के लिए स्मार्ट ट्रैवलर एनरोलमेंट प्रोग्राम (STEP) में नामांकन करने का आग्रह किया गया है।
(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)