उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने शनिवार (1 अक्टूबर) को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक थी क्योंकि भारत हर समय आतंकवादी हमलों का शिकार नहीं बने रह सकता और ऐसा नहीं है कि वह इस बारे में कुछ नहीं करे। नाइजीरिया एवं माली की अपनी दो देशों की यात्रा से लौटते समय संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम यह करेंगे तथा अपनी पसंद के समय और तरीके से करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘इसे कैसे किया जाए, यह सरकार तथा इसका प्रभार देखने वाले पेशेवरों के निर्णय पर छोड़ दिया जाना चाहिए।’ अंसारी ने कहा कि आप हमेशा आतंकवादी हमलों के शिकार बने नहीं रह सकते और ऐसा नहीं है कि आप इस बारे में कुछ नहीं करें। सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कार्रवाई क्यों जरूरी थी, आतंकी ठिकानों की पहचान की गयी और उनसे निबटा गया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने जिन दोनों अफ्रीकी देशों का दौरा किया, उन्होंने आतंकवाद से लड़ने में अपनी प्रतिबद्धता जताई। ‘नाइजीरिया एवं माली में बहुत गंभीर आतंकी हमले हुए थे।…’

उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को लेकर एक व्यापक समझौते के जरिये कानूनी ढांचे में सुधार किया जाए। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक स्टेट्स (ओआईसी) के सदस्यों की भूमिका के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह एक विचित्र तरह का संगठन है तथा इसे अधिक महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। नाइजीरिया एवं माली, दोनों ही ओआईसी के सदस्य हैं। अंसारी ने कहा कि माली नेतृत्व ने उन्हें अवगत कराया है कि यह पश्चिम अफ्रीकी देश भारत विरोधी किसी रुख का साथ नहीं देगा।नाइजीरिया की राजधानी अबूजा में नेशनल डिफेंस कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान भी अंसारी ने ऐसे समाजों पर बल दिया था जो शांति एवं मानवता के पक्ष में खड़े हो ताकि आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति रोकने, आतंकवादियों के आवागमन बाधित करने तथा आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने के प्रयासों को मजबूती मिल सके।