महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा होती है। महिलाओं से जुड़े यौन उत्पीड़न के कई बार सामने आते हैं। हर बार सख्त कारवाई की मांग होती है। लेकिन सभी मामलों में पीड़ितों को इंसान नहीं मिल पाता। एक ऐसा ही मामला सामने आया है ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न का, जहां 15 साल के बच्ची के 13 साल की उम्र में सामूहिक बलात्कार किया गया था। अब कासीडी इस दुनिया में नहीं है। मौत से उसने अपनी मां के लिए एक पत्र लिखा। जिसमें स्कूल में पढ़ रहे दूसरे बच्चों को चेतावनी दी गई। पत्र में लिखा है,” मेरा नाम कासीडी ट्रेवान है मेरा रेप किया गया। मैं एक स्कूल की छात्रा थी( स्कूल का नाम मिटा दिया गया है) मेरा रेप जिन छात्रों ने किया वो आज भी उस स्कूल में पढ़ रहे हैं। मेरा इरादा दूसरे लोगों ( माता-पिता) को आगाह करना है क्योंकि जो मेरे साथ हुआ वो आपके बच्चों के साथ भी हो सकता है या रेप की कोशिश की जा सकती है। अगर कभी कोई इस तरह की हरकत करता है तो आपको लड़ना चाहिए। अगर आप नहीं लड़ोगे तो आप पूरी जिंदगी अफसोस करोगे। जैसे की मैं कर रही हूं।”
इस घटना के बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। लेकिन कासीडी ने कभी भी इस पर खुलकर नहीं बोला। कासीडी की मां लिंडा ने कहा कि,” उसे ये पत्र उसकी मौत के बाद मिला। उन राक्षसों ने मेरी बेटी को मार डाला। मैंने मेरी बेटी को अगले 22 महीनों तक रोज मरते देखा। वो हमेशा कहती थी कि अगर उन लोगों ने उसे फिर से ढ़ूंढ़ लिया तो। उसे हमेशा बुरे सपने आते थे। वो उस घटना से बाहर ही नहीं निकल पाई। वो हर वक्त यही सोचती रहती थी।”
इस फेसबुक पोस्ट के बाद कासीडी की मां लिंडा को कई मैसेज मिले। लिंडा ने अपनी बेटी की मां की याद में फेसबुक पर Bullying Killed My Child नाम का पेज भी बनाया। अभी तक इस पेज को 1800 से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं। लिंडा ने अपनी बेटी का अधूरा पत्र ऑस्ट्रेलिया के टीवी चैनल 9 news पर शेयर किया।
कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया में नेशनल यूनियन ऑफ स्टूडेंट्स की ओर से एक सर्वे किया गया था जिसकी रिपोर्ट के अनुसार छह में से एक छात्रा यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है। 1500 महिलाओं पर किए गए सर्वे में पाया गया कि 17 प्रतिशत को बलात्कार से गुजरना पड़ा, 12 प्रतिशत के साथ बलात्कार की कोशिश की गई जबकि 11 प्रतिशत का कहना है कि उसे लिंग प्रवेश की हद तक यौन उत्पीड़न झेलना पड़ा।