आजकल सोशल मीडिया पर भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान तेज हो गया है। अब वीडियो और ट्वीट्स से एक दूसरे को जवाब दिया जा रहा है। दोनों ही पार्टियों ने इसी क्रम में एक दूसरे के खिलाफ एक-एक वीडियो जारी किया है। इन मजाकिया वीडियो से यह समझने की कोशिश की गई है कि अगर भाजपा और कांग्रेस वॉट्सऐप ग्रुप की तरह बने होते तो वे कैसे होते। पहले यह वीडियो भाजपा ने शेयर किया, फिर अब कांग्रेस ने एक जवाबी वीडियो जारी किया है। हालांकि, भाजपा की ओर से कहा गया है कि नकल करने के लिए भी अकल चाहिए। गुरुवार को भाजपा के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने जवाबी वीडियो ट्वीट किया। उन्होंने इसके साथ लिखा, “कांग्रेस भाजपा की नकल करती है, लेकिन ह्यूमर के मामले में विफल साबित होती है।”
46 सेकेंड की वीडियो क्लिप में कांग्रेस का वॉट्सएप ग्रुप होता है। महात्मा गांधी उसे बनाते हैं। वह उसमें राष्ट्रभक्ति, मूल्य, सिद्धांत व विश्वास जैसी चीजों के साथ सरदार पटेल को जोड़ते हैं, जो ‘एक भारत’ का सपना देखते हैं। फिर जवाहर लाल नेहरू इस ग्रुप में जोड़े जाते हैं, जिसके बाद वह ग्रुप के एड्मिन (संचालक) बनते हैं। वह विश्वास और सिद्धांत को यहां से निकाल देते हैं। यहां ऐसा करना उनका पारिवारिक कारोबार बताया गया, जिस पर गांधी जी को दिक्कत होती है। वे इसी बात पर ग्रुप छोड़ते हैं। पीछे-पीछे सरदार पटेल भी उनके साथ हो लेते हैं।
ग्रुप में फिर नेहरू इंदिरा गांधी को इसमें जोड़ते हैं, जो बाद में उनकी जगह संभालती हैं। उनके आने के बाद ग्रुप से राष्ट्रभक्ति का नामोनिशां भी गायब हो जाता है। वह मूल्यों को हटाकर तानाशानी लाती हैं। आगे चलकर छोटे बेटे संजय को साथ लाती हैं। बाद में भ्रष्टाचार, अत्याचार और जातिगत राजनीति की शुरुआत होती है। बड़े बेटे राजीव गांधी पत्नी सोनिया को यहां लेकर आते हैं, जिसके बाद प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा का आगमन होता है। राहुल गांधी भी इसी क्रम में जोड़े जाते हैं, जिस पर कुछ हैरानी जताने वाले स्माइली आते हैं।
Congress copies BJP but fails at humour! pic.twitter.com/O0ad07WI5Q
— Amit Malviya (@malviyamit) October 26, 2017
ऐसा ही मैसेज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा भी आया था। उसमें भी संघ के बनने और लोगों के जुड़ने की क्रमबद्ध तरीके से जानकारी दी गई। एक मिनट 13 सेकेंड की क्लिप में केबी हेडगेवार ग्रुप (संगठन) बनाते हैं। वह वीडी सावरकर को लाते हैं। वह हिंदुत्व, समानता, सत्याग्रह और तिरंगा जैसी चीजों को यहां लेकर आते हैं। वह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन, गांधी और राष्ट्रभक्ति को किनारे कर गद्दारों को जोड़ते हैं। वह ‘हिंदू राष्ट्र’ के विचार पर चल रहे होते हैं।
ग्रुप में आगे भाजपा जुड़ती है, जिससे लालकृष्ण आडवाणी का आगमन होता है। वह ग्रुप के नए एडमिन बनाए जाते हैं। वे इसमें रथ यात्रा, दंगे और बम धमाके जोड़ते हैं। बाबरी मस्जिद को हटाते हैं। आरएसएस आगे चलकर अटल बिहारी वाजपेयी को साथ जोड़ती है, जो नए एडमिन होते हैं। वह इंडिया शाइनिंग का नारा लेकर आते हैं। ग्रुप में आगे भाजपा मोदीकाल में प्रवेश करती है। वह अमित शाह, दंगे, हत्या, प्रोपगेंडा, ट्रोल, बिकाऊ मीडिया, दलितों पर हमले और झूठे वादे लेकर आते हैं। आगे इसी क्रम में योगी आदित्यनाथ को जोड़ा जाता है। देखिए वे क्या-क्या इस ग्रुप में जोड़ते हैं। क्या ग्रुप के मुताबिक, 2019 में मोदी एडमिन रह पाते हैं? देखिए इस वीडियो में-