महानायक अमिताभ बच्चन की कुंडली में ऐसे ग्रह या सितारे हैं जिनके कारण वह सदी के महानायक बने। अमिताभ बच्चन का लग्न कुंभ है और राशि तुला है। ये दोनों ही वायु तत्व हैं। और वायु के अंदर प्रसार करने की क्षमता होती है जो कि यश, अभिनय, कला के लिए खास माना जाता है। अमिताभ बच्चन के लग्न में केतु और सप्तम भाव में राहु है। हालांकि राहु और केतु को ज्यादातर लोग खराब समझते हैं। लेकिन सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की कुंडली में इनकी जगह देखें तो इससे ही अमिताभ को रूप बदलने का गुण प्राप्त होता है। रूप बदलने का गुण राहु और केतु में पाया जाता है। और अमिताभ बच्चन के अंदर रूप बदलने का ये गुण अद्भुत है। अमिताभ बच्चन को महानायक बनाने में उनकी कुंडली में मौजूद शनि ग्रह बेहद खास है। अमिताभ बच्चन की कुंडली में चतुर्थ स्थान में शनि विद्यमान है, पांचवें स्थान में बृहस्पति है।
शनि नहीं होता तो कभी ना बनते सुपरस्टार – अमिताभ बच्चन की कुंडली के अष्टम भाव में मंगल, बुध, सूर्य और शुक्र हैं, नौवें भाव में चंद्रमा है। बुध के कारण अमिताभ बच्चन की एक्टिंग करने का गुण अद्भुत है। कुंडली में ज्यादातर ग्रह पृथ्वी तत्व के इलाके में हैं। शनि ग्रह का योग अमिताभ बच्चन की कुंडली में बहुत ही शुभ है। जो अमिताभ को अपने क्षेत्र में स्टार बनाता है। इस शनि की दशा में अमिताभ बच्चन ने स्टारडम हासिल किया। और लगातार एक के बाद एक सुपरहिट फिल्मे दी। जिस जमाने में लोग रोमांस की बात करते थे उस दौर में एक्शन का एक नया दौर शुरू हो गया था। अमिताभ बच्चन ने उस दौर में एक नई कहानी पेश की। अमिताभ बच्चन अपनी अंगुलियों में दो अगुठियां पहनते हैं। एक अंगुली में नीलम और दूसरी में पन्ना। इसके साथ ही अमिताभ बच्चन का 2 अंक शुभ माना जाता है। उनके घर का अंक उनकी गाड़ियों का अंक इस तरह की तमाम चीजों में 2 का अंक उनके लिए बेहद खास है।
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अमिताभ बच्चन की कुंडली में बुध की दशा 1990 में शुरु हुई। 1971 से 1990 तक उनकी कुंडली में रस्टारडम चला है। लेकिन जब 1990 में बुध की दशा शुरु हुई तो उनके जीवन में समस्या शुरु हुई। जैसे-जैसे बुध की दशा आगे बढ़ती गई उनकी समस्याएं भी बढ़ती चली गई। और अमिताभ बच्चन की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हुई। और ये समय उनकी कुंडली में 2000 तक चला। इसके बाद कुंडली में केतु की दशा आगे आई जिससे इनका समय में बदलाव आया। वहां से इनको मजबूती मिली। शनि से शक्ति मिली और धीरे-धीरे अमिताभ बच्चन आगे बढ़ते चले गए। शनि की दशा में वह सुपरस्टार बने और शनि से शक्ति लेने, समस्याओं को दूर करने के लिए उन्होंने नीलम पहना। अभिनय क्षमता और वाणी को नियंत्रित करने के लिए अमिताभ बच्चन ने पन्ना धारण पहना शुरु किया।
जीवन में प्रेम भाव- अमिताभ बच्चन के प्रेम पर अक्सर सवाल उठते हैं। कहा जाता है कि उनका प्रेम अधूरा रह गया। अमिताभ बच्चन की तुला राशि को प्रेम के अनुकूल माना जाता है। और यह शुक्र ग्रह की प्रिय राशि मानी जाती है। शुक्र को भावनाओं का स्वामी कहा जाता है, कुंडली में अष्टम भाव है जिससे अमिताभ बच्चन ज्यादा भावनात्मक हैं और समस्यापरक भी है। कुंभ लग्न के कारण अमिताभ बच्चन अपने प्रेम का रहस्य बनाने में कामयाब हुए। बृहस्पति की मध्य दशा से प्रेम की शुरुआत हुई। इसके बाद जब 1990 में शनि ग्रह आया तो अमिताभ बच्चन ने अपने प्रेम को रहस्य बना दिया।
75 साल बाद कैसा होगा उनका जीवन- इनकी वर्तमान दशा शुक्र की चल रही है। कुंडली में मार्च 2018 तक शुक्र की दशा चलती रहेगी। इसके बाद सूर्य की दशा इनकी कुंडली में प्रवेश करेगी। जो अमिताभ बच्चन के लिए काफी खत्रनाक हो सकता है। मार्च 2018 के बाद अमिताभ बच्चन को स्वास्थ्य संबंधी हानि हो सकती है। शुक्र की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा में इनको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनको किसी बड़ी दुर्घटना से गुजरना पड़ सकता है।
उपाय – नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्य के मंत्र का जप करना चाहिए।
– एक और नीलम पहनना चाहिए।
– भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए।