बेंगलुरु से सटे चिकबल्लापुर में मच्छर में जीका वायरस का पता चलते ही कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। वैसे तो अभी तक किसी इंसान में जीका वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, बुखार से पीड़ित 33 लोगों के ब्लड सैंपल पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology) में जांच के लिए भेजे गए हैं। पीड़ितों में 29 प्रेग्नेंट महिलाएं भी शामिल हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जांच की रिपोर्ट्स अगले 10 दिनों सामने आ जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि जीका वायरस आखिर फैलता कैसे है, इससे पीड़ित होने पर किस तरह के लक्षण नजर आते हैं, साथ ही इससे बचाव का तरीका क्या है?

कैसे फैलता है जीका वायरस?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, जीका वायरस आमतौर पर एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन और रात दोनों ही समय आपको अपना शिकार बना सकते हैं और यही मच्छर डेंगू, चिकनगुनिया और पीला ज्वर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। इससे अलग ये यौन संबंध बनाने और ब्लड ट्रांसफ्यूजन से भी फैल सकता है। यानी कोविड की तरह ही ये वायरस भी किसी एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है, साथ ही अगर कोई गर्भवती महिला इसकी चपेट में आ जाती है, तो 99 प्रतिशत चांस हैं कि ये महिला से उसके भ्रूण में भी फैल सकता है। इतना ही नहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर कोई गर्भवती महिला इससे संक्रमित होती है, तो उसके बच्चे का दिमाग छोटा भी रह सकता है।

क्या हैं इसके लक्षण?

  • जीका वायरस की चपेट में आने पर आपको तेज सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • जोड़ों में दर्द या ऐंठन
  • शरीर में जगह-जगह पर रैशेज या लाल चकत्ते पड़ जाना
  • तेज बुखार
  • कंजेक्टिवाइटिस और बेचैनी जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है।

    क्या है बचाव का तरीका?

    • इस गंभीर वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई सबसे जरूरी है। मच्छर गंदगी में सबसे अधिक पनपते हैं, ऐसे में घर और अपने आसपास साफ-सफाई रखें, यहां तक कि टॉयलेट सीट को भी ढक कर रखें।
    • असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं।
    • अपने आसपास पानी को जमा ना होने दें। बर्तन, टंकी आदि को हमेशा ढककर रखें। जरूरत हो तो कीटाणु नाशक का उपयोग कर सकते हैं।
    • एडीज मच्छर सुबह और शाम के समय ज्यादा सक्रिय रहते हैं। ऐसे में इस समय बाहर निकलने से बचें या बाहर जाते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें, साथ ही बॉडी को ढककर रखें, ताकि मच्छरों के काटने की संभावना कम हो।
    • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
    • संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर रखें।
    • संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत हाथों को साबुन से धो लें और अपने कपड़ों को भी बदल लें।

    वायरस की चपेट में आने पर क्या करें?

    अगर आप इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं या आपको हल्का बुखार महसूस हो रहा है, तो अपने खानपान का भी अधिक ध्यान रखें। ऐसी स्थिति में अधिक मसालेदार खाना, नॉनवेज और कैफीन से जुड़ी चीजों जैसी कॉफी से दूरी बना लें। इससे अलग वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, वायरस की चपेट में आने पर पर्याप्त मात्रा में आराम करें, साथ ही लगातार पानी पीते रहें। इससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और आराम करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। अगर आपको ऊपर दिए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड टेस्ट या यूरिन टेस्ट करवाएं। खासतर गर्भवती महिलाएं इसे नजरअंदाज करने की गलती ना करें। इससे आपके बच्चे को अधिक खतरा हो सकता है।

    Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।